बाजारों के लिए पिछले कुछ सप्ताह उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। जहां बीएसई का सेंसेक्स कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक मामूली बढ़त बनाने में सफल रहा वहीं बीएसई पर स्मॉलकैप और मिडकैप (एसएमसी) सूचकांकों ने इस दौरान 7 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक घटनाक्रम और देश में होने वाली घटनाओं के बीच अगले कुछ महीनों के दौरान बाजारों की चाल अस्थिर रहने की संभावना है। निवेशकों को उनकी सलाह है कि उन्हें अभी खरीदारी में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि आने वाले महीनों में उन्हें अपने पसंदीदा शेयर थोड़ा सस्ते में खरीदने का मौका मिलेगा।
एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड गिरावट पर खरीद की बात करते हैं और वैश्विक घटनाक्रम (खासकर चीन में) के कारण बाजार में गिरावट की संभावना जताते हैं।
उन्होंने कहा, ‘बाजार में 2024 के आगामी लोक सभा चुनाव में भाजपा की संभावित जीत का असर दिख चुका है। वैश्विक स्तर पर चीन में घटनाक्रम ऐसा अन्य कारक है जिस पर बाजार की नजर रहेगी। वहां किसी तरह का नकारात्मक घटनाक्रम वैश्विक इक्विटी बाजारों में बड़ी गिरावट को बढ़ावा दे सकता है। मध्यावधि से दीर्घावधि में निवेश करने वालों के लिए बाजार निचले स्तर पर खरीदारी का मौका दे सकता है। हम होटल, विनिर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी थीमों पर उत्साहित बने हुए हैं।’
क्षेत्रों की बात की जाए तो बीएसई ऑयल ऐंड गैस सूचकांक 2024 में शानदार प्रदर्शन करने वालों में शुमार रहा है और इस दौरान यह करीब 22 प्रतिशत चढ़ा। इसमें ज्यादातर तेजी आरआईएल की वजह से आई। आरआईएल का शेयर इस अवधि में करीब 13 प्रतिशत मजबूत हुआ। दूसरी तरफ, एफएमसीजी और बैंक शेयर 2024 में निवेशकों की सबसे कम पसंद रहे और इन दोनों सूचकांकों में इस अवधि में बीएसई पर 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के शोध प्रमुख जी चोकालिंगम का कहना है, ‘हम कई माइक्रो और स्मॉलकैप शेयरों में बुलबुले जैसी स्थिति देख रहे हैं। नए निवेशक मूल्यांकन की परवाह किए बगैर इन दो बाजार सेगमेंटों के पीछे भाग रहे हैं। यह बड़ा जोखिम है। ऐसे ज्यादा महंगे माइक्रो और स्मॉलकैप शेयरों में जब बुलबुला फूटेगा तो इसका प्रभाव खरीदार न होने से पूरे एसएमसी (स्मॉलकैप और मिडकैप) पर पड़ सकता है।’
तकनीकी विश्लेषक भी माजूदा स्तरों पर सतर्क बने हुए हैं और मान रहे हैं कि अस्थिरता के बीच बाजार नीचे जाएगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा का मानना है कि बाजार में निरंतरता का अभाव है।