6 मार्च 2025 को बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। इसकी वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित नई नीतियां हैं, जिनके तहत बैंकिंग सिस्टम में लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी (लिक्विडिटी) डाली जाएगी।
RBI के इस फैसले के बाद निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 1.46% या 86.3 अंक चढ़कर 5,976.75 के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी बैंक इंडेक्स 0.72% की बढ़त के साथ 48,839.10 के हाई पर पहुंचा। सरकारी बैंकों के शेयरों में सेंट्रल बैंक 2.85% बढ़ा, पीएनबी में 2.51% की बढ़त, पंजाब एंड सिंध बैंक 2.71% और बैंक ऑफ महाराष्ट्र 2.35% चढ़ा। यूको बैंक 2.82% ऊपर रहा, जबकि बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और केनरा बैंक में 0.7% से 1.3% तक बढ़त रही। हालांकि, एसबीआई और इंडियन बैंक में हल्की गिरावट देखी गई।
प्राइवेट बैंकों में भी मजबूती देखने को मिली। केनरा बैंक 2.05% बढ़ा, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक 1.99% और बैंक ऑफ बड़ौदा 1.69% चढ़ा। इसके अलावा आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, फेडरल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में 0.1% से 1% तक की बढ़त रही।
निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 0.67% या 163.7 अंकों की बढ़त के साथ 24,401.85 के हाई पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 0.64% या 148.05 अंक चढ़कर 23,198.65 के हाई पर पहुंचा। प्राइवेट बैंकों में आरबीएल बैंक ने सबसे ज्यादा 3% की बढ़त दर्ज की, जबकि सिटी यूनियन बैंक 2% ऊपर रहा। बंधन बैंक, एक्सिस बैंक, फेडरल बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर भी 0.5% से 1% तक चढ़े।
एनबीएफसी शेयरों में तेजी
RBI की इस घोषणा का असर एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) पर भी दिखा। आरईसी, श्रीराम फाइनेंस, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, पीएफसी, आईसीआईसीआई जनरल इंश्योरेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, एमसीएक्स और मुथूट फाइनेंस के शेयरों में 4% तक की बढ़त देखी गई।
RBI का लिक्विडिटी बढ़ाने का प्लान
RBI ने बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ाने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) के तहत 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदने का फैसला किया है। यह खरीदारी दो चरणों में होगी। पहली 12 मार्च को और दूसरी 18 मार्च को। इसके अलावा, 24 मार्च को RBI 10 अरब डॉलर का USD/INR स्वैप ऑक्शन आयोजित करेगा। यह लेन-देन 36 महीने की अवधि के लिए होगा, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर और रुपये की स्थिरता बनी रहेगी।
पिछले 11 हफ्तों से बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी बनी हुई थी, हालांकि हाल के आंकड़ों के अनुसार, यह घाटा 20,000 करोड़ रुपये तक कम हो गया है। इससे पहले, जनवरी और फरवरी में RBI ने 60,000 करोड़ रुपये के OMO और 15 अरब डॉलर के USD/INR स्वैप ऑक्शन किए थे।
ब्रोकरेज कंपनियों की राय
RBI की इस पहल पर नोमुरा ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने “साहसिक और सही समय पर कदम उठाया है” और यह अनुमान से ज्यादा बड़ा कदम है। उनका कहना है कि RBI की इन घोषणाओं से 1.87 लाख करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आएगी, जिससे बाजार को राहत मिलेगी।
नोमुरा ने यह भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम में 0.3 लाख करोड़ रुपये का घाटा है, जो दिसंबर के बाद सबसे कम है। उनका मानना है कि RBI इस घाटे को खत्म करके सिस्टम को नकदी अधिशेष (सरप्लस) की स्थिति में लाना चाहता है।
आगे की संभावनाएं
विश्लेषकों का कहना है कि इन नीतियों से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा और ब्याज दरों में स्थिरता बनी रहेगी। हालांकि, RBI की शॉर्ट फॉरवर्ड बुक जो 77.5 अरब डॉलर है, अगर सही तरीके से मैनेज नहीं की गई तो भविष्य में नकदी की दिक्कत हो सकती है।