रैनबैक्सी के निवेशकों ने डायची सान्क्यो के द्वारा कंपनी की खरीद को पहले ही स्वीकृति प्रदान कर दी है और अब इन निवेशकों के पास विकल्प होगा कि वे इस स्टॉक की बिक्री 737 रु की आर्कषक कीमत पर कर सके।
फाइजर से एक जेनेरिक दवा के मामले में चल रही तकरार से सुलटने से कंपनी के स्टॉक के मूल्य में निश्चित रुप से बढ़त होगी। हालांकि शेयर होल्डर इस बात से हैरान होंगे कि अब तक उन्हें फाइजर से कोई एकमुश्त भुगतान नहीं प्राप्त हुआ है।
कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2008 में अनुमानित प्रति शेयर आय से 26 गुना के आर्कषक मूल्य पर हो रहा है। यह सेसेंक्स के कारोबार से भी ज्यादा है क्योंकि उसका कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 15 गुना के स्तर पर हो रहा है।
अब इस बात पर रैनबैक्सी संतोष कर सकती है कि वह अपनी लिप्टर जेनेरिक की लॉचिंग नवंबर 2011 तक अमेरिका और कनाडा के दवा बाजार में कर सकती है और अब उसके सामने किसी भी प्रकार की न्यायालीय बाधा भी नहीं है। इस सब वजहों से कंपनी के स्टॉक में वर्तमान स्तर 598 रुपये से आगे की वृध्दि भी देखी जा सकती है।
हालांकि इस कंपनी के स्टॉक में पिछले तीन महीनों के दौरान तेज वृध्दि देखी गई थी लेकिन भविष्य में कंपनी के स्टॉक के मूल्यों में री-रेटिंग देखी जा सकती है। इसकी वजह है कि कंपनी को नई दवा को अमेरिका के दवा बाजार में 180 दिनों की मोहलत मिली है। कंपनी को इस दवा की लॉचिंग से वित्त्तीय वर्ष 2001 से ही फायदा होना शुरु होगा और पूरा प्रभाव तो वित्त्तीय वर्ष 2012 के बाद ही देखा जा सकेगा।
हालांकि कंपनी इस स्थिति से बच भी सकती है यदि कंपनी की तीन उत्पादों लिप्टर, कैड्यूयेट और क्विनाप्रिल की अगले छ: महीनों में अनुमानित बिक्री 1.5 अरब डॉलर केकरीब रहती है। हालांकि कंपनी यह राजस्व प्राप्त करेगी इस बात में संदेह लगता है क्योंकि जब कंपनी की लिप्टर मार्च 2010 केकरीब अमेरिकी दवा बाजार में प्रवेश करेगी तब तक मुख्य दवाओं के पेटेंट खत्म हो चुके होंगे।
हालांकि फाइजर केदवाओं की लॉचिंग में 2016 तक की देरी हो सकती है क्योंकि कंपनी को अभी तक दवाओं की लाँचिंग में संघर्ष करना पड़ रहा है। रैनबैक्सी को वित्त्तीय वर्ष 2010 में 13,300 करोड़ के टॉपलाइन ग्रोथ केलगभग पहुंचना चाहिए जिसमें लिप्टर की बिक्री करीब 2,600 करोड़ केकरीब होगी। कंपनी का कुल लाभ 3,500 करोड़ के करीब रहना चाहिए। हालांकि कंपनी अभी भी दवा के लॉचिंग की तारीख बदल सकती है।
कंपनी वित्त्तीय वर्ष 2011 में इस दवा के जरिए 2,000 से 2,200 करोड़ के करीब बिक्री की आशा कर सकती है। डायची के ओपन ऑफर 737 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2008 की अनुमानित आय के 32 गुना के स्तर पर और वित्त्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित आय से 25 गुना के स्तर पर हो रहा है।
यह अनुमान तब लगाया गया था जब कंपनी का डायची के साथ सौदा नहीं हुआ था। मौजूदा बाजार मूल्य 737 रुपये पर कंपनी का शेयर कुछ और शेयरों की खरीद की ओर प्रोत्साहित करता है।