इनवेस्को म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी ताहिर बादशाह का कहना है कि वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों का रुख और लोकसभा चुनाव के नतीजे साल 2024 में भारतीय इक्विटी बाजार की दिशा तय करेंगे। अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में बादशाह ने कहा कि वह बाजार के मध्य से लेकर निचले उपभोग वाले क्षेत्रों में अवसर देख रहे हैं, जिसने पिछले दो साल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। उन्हें उम्मीद है कि साल 2024 में एफएमसीजी, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करने लगेंगे। मुख्य अंश…
बाजार के लिहाज से साल 2024 में जो बात मायने रखेगी, वह है वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत में ब्याज दरों की दिशा है। आम चुनाव के नतीजों पर भी उत्सुकतापूर्ण नजर रहेगी। बाजार ने पहले ही इसमें से कुछ की कीमत तय कर ली है, लेकिन अगर हमें ब्याज दर की दिशा के संबंध में अधिक निश्चितता मिलती है, तो भावना में और सुधार हो सकता है।
महंगाई के नजरिये से जिंस और तेल के दामों के संबंध में हमेशा जोखिम होता है, लेकिन इस बात के आसार नहीं है कि वे चिंता का सबब बनेंगे। तेल के दामों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन उसमें चिंता की बात नहीं होनी चाहिए।
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अगर उनका इजाफा लार्जकैप से तकरीबन चार फीसदी अंक ज्यादा रहता है, तो उनका मूल्यांकन काफी ज्यादा मांग वाला नहीं है। अगर निफ्टी50 सूचकांक13 से 15 फीसदी ऊपर जाता है, तो मिडकैप और स्मॉलकैप को सूचकांक के स्तर पर करीब 18 से 20 फीसदी की वृद्धि करनी होगी।
अगर आप साल 2023 में दिए गए प्रतिफल को देखें, तो वे बहुत महंगे लगते हैं, लेकिन अगर आप दो साल के प्रतिफल को ध्यान में रखते हैं, तो वे उतने अधिक नहीं हैं। दो साल की अवधि में सूचकांकों में बढ़त 20 फीसदी सीएजीआर से ऊपर है।
मिडकैप और स्मॉलकैप के ज्यादा मूल्यांकन के बारे में चर्चा निवेशकों को आवंटन का रुख लार्जकैप फंडों की ओर करने के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन मुझे लगता है कि मौजूदा परिदृश्य में फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप जैसे फंड बेहतर स्थिति में हैं। अगर किसी के पास लंबी अवधि का निवेश है, तो स्मॉलकैप फंडों में एसआईपी अब भी अच्छा विकल्प है।
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किसी को मिडकैप और स्मॉलकैप के संबंध में केवल इसलिए नकारात्मक नहीं होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने एक साल में 40 से 50 फीसदी का प्रतिफल दिया है। पांच से 10 फीसदी की कमी शुरुआत का बेहतर बिंदु मुहैया कर सकता है, लेकिन एसआईपी बेहतर विकल्प हो सकता है। अगर आने वाले वर्षों में घरेलू आर्थिक चक्र अच्छा रहता है, तो ये छोटे शेयर अच्छा प्रतिफल दे सकते हैं।
हम बाजार के मध्य से लेकर निचले उपभोग वाले क्षेत्रों में अवसर देख रहे हैं। पिछले दो साल में इस श्रेणी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। एफएमसीजी ऐसा क्षेत्र है, जिसे महंगाई और ब्याज दरें कम होने पर फायदा होगा। बैंकिंग एक और ऐसा क्षेत्र है, जिसका प्रदर्शन खराब रहा और इस साल अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी तीसरा ऐसा क्षेत्र है, जहां सकारात्मक कमाई की हैरानी सामने आ सकती है, लेकिन साल 2024 की पहली छमाही में इसके आसार नहीं हैं।