Mutual Fund NFO: टाटा एसेट मैनेजमेंट ने शुक्रवार को टाटा इंडिया इनोवेशन फंड (Tata Mutual fund) लॉन्च किया, जिसके जरिए निवेशकों को वेल्थ क्रिएशन को बेहतर विकल्प मिलेगा। यह फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जो अलग-अलग क्षेत्रों में नई और इनोवेटिव रणनीतियों से फायदा ले रही हैं। इस फंड का न्यू फंड ऑफर (NFO) 11 नवंबर 2024 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा।
इनोवेशन आधारित थीमैटिक फंड क्यों?
टाटा एसेट मैनेजमेंट के अनुसार, भारत का वित्तीय सेवा क्षेत्र डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर देश को नए डिजिटल युग की ओर बढ़ा रहा है, जिससे वित्तीय सेवाओं का विस्तार हो रहा है। इसके अलावा, ग्लोबल जलवायु मानकों को ध्यान में रखते हुए, भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV), बैटरी टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में तेजी से निवेश और विकास हो रहा है। साथ ही, फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में बड़े R&D निवेश भारत को वैश्विक रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग हब बना रहे हैं।
टाटा इंडिया इनोवेशन फंड का लक्ष्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल बदलाव जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके इनोवेशन में आगे हैं।
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टाटा इंडिया इनोवेशन फंड का उद्देश्य बॉटम-अप इनोवेशन-आधारित स्टॉक चुनने की रणनीति अपनाना है, जिससे निवेशकों को सही मूल्यांकन और ग्रोथ का मौका मिल सके।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वर्धराजन ने कहा, “निवेश में दो बातें अहम होती हैं: ऐसी कंपनियों को चुनना जो अगले 10 सालों तक टिक सकें और जिनमें अगले दशक में मुनाफा कमाने की क्षमता हो। इन दोनों में से केवल एक होना काफी नहीं है। इन कंपनियों की सफलता का राज इनोवेशन में है, जो उन्हें आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने का मौका देता है। भारत डिजिटल, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में इनोवेशन में आगे है, जिससे कई नए अवसर बन रहे हैं। हमारा फंड उन कंपनियों में निवेश कर इन अवसरों का फायदा उठाने की कोशिश करेगा जो आगे बढ़ने और विकास करने का लक्ष्य रखती हैं।”
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टाटा इंडिया इनोवेशन फंड में कौन कर सकता है निवेश?
टाटा इंडिया इनोवेशन फंड: फंड डिटेल्स
स्कीम का नाम: टाटा इंडिया इनोवेशन फंड
NFO तारीख (संभावित): NFO ओपन – 11 नवंबर 2024 से 25 नवंबर 2024 तक
निवेश का उद्देश्य: इस योजना का मकसद ऐसी कंपनियों में निवेश करना है जो नई रणनीतियों और थीम अपनाकर मुनाफा कमाने का लक्ष्य रखती हैं, जिससे निवेशकों को लंबी अवधि में पूंजी बढ़ाने का मौका मिल सके। हालांकि, इस योजना में मुनाफे की कोई गारंटी नहीं है।
स्कीम का प्रकार: इनोवेशन थीम को फॉलो करने वाली एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम
फंड मैनेजर: मीता शेट्टी और कपिल मल्होत्रा (ओवरसीज एक्सपोजर)
बेंचमार्क: निफ्टी 500
न्यूनतम निवेश राशि: ₹5,000 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में
एग्जिट लोड: अगर आवंटन की तारीख से 90 दिनों के भीतर रिडेम्पशन किया जाता है, तो लागू NAV पर 1% एग्जिट लोड लगेगा।
विशेषज्ञों की राय
टाटा एसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी राहुल सिंह ने कहा, “भारत में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन के कारण वित्त, हेल्थ टेक, ऑटोमोटिव समाधान, और कंज्यूमर टेक जैसी इंडस्ट्री में बड़े बदलाव हो रहे हैं। वैश्विक इनोवेशन रैंकिंग में हमारी स्थिर प्रगति के साथ, हम डिजिटल कॉमर्स, ग्रीन मोबिलिटी, EV बैटरी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पेस टेक और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। टाटा इंडिया इनोवेशन फंड का उद्देश्य इस इनोवेशन लहर के अग्रणी कंपनियों में निवेश के जरिए निवेशकों को इन बदलावों से जोड़े रखना है।”
टाटा एसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी राहुल सिंह ने कहा, “भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन से वित्त, हेल्थ टेक, ऑटोमोटिव समाधान और कंज्यूमर टेक जैसी इंडस्ट्री में बड़े बदलाव हो रहे हैं। ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में हमारी प्रगति के साथ, हम डिजिटल कॉमर्स, ग्रीन मोबिलिटी, EV बैटरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस टेक और एडवांस स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। टाटा इंडिया इनोवेशन फंड का मकसद इनोवेशन की इस लहर में आगे रहने वाली कंपनियों में निवेश कर निवेशकों को इन बदलावों से जोड़े रखना है।”
क्या थीमैटिक फंड्स में निवेश करना सही है?
हालांकि थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स फिलहाल बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन वैल्यू रिसर्च के धीरेंद्र कुमार के अनुसार, इनके प्रचार में बहने से बचना चाहिए।
धीरेंद्र कुमार का कहना है, “सेक्टोरल ट्रेंड्स का पीछा करना अक्सर ‘बाय हाई, सेल लो’ की साइकिल में फंसा देता है। लोग आमतौर पर तब सेक्टर में निवेश करते हैं जब वह ऊंचाई पर होता है और छोड़ते हैं जब वह गिर चुका होता है। मार्केट का सही समय जानना प्रोफेशनल निवेशकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है, तो रिटेल निवेशकों के लिए यह और कठिन है। डाइवर्सिफाइड फंड्स में निवेश करके आप इन जोखिमों से बच सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में प्रोफेशनल मैनेजमेंट का लाभ ले सकते हैं।”
कुमार ने बताया, “यदि आपका अधिकांश निवेश जनरल-पर्पज फंड्स में है, तो फंड मैनेजर सही समय पर एनर्जी, इन्फ्रास्ट्रक्चर या टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में ध्यान केंद्रित कर सकता है। लेकिन थीमैटिक फंड्स की तरह इसमें किसी एक थीम पर अधिक निर्भर नहीं होता, जिससे विविधता बनी रहती है। इस तरह जब कोई सेक्टर कमजोर होता है, तो आपका पैसा उसमें फंसा नहीं रहता।”
कुमार ने कहा, “यह संतुलित तरीका आपको सेक्टर के खास जोखिमों से बचाता है और पोर्टफोलियो को सेक्टर की अच्छी परफॉर्मेंस का फायदा देता है। आज का मजबूत सेक्टर कल कमजोर हो सकता है। इसलिए, एक अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा डाइवर्सिफाइड फंड में निवेश करके, आप लंबी अवधि में बेहतर बढ़त के मौके पा सकते हैं और बार-बार मार्केट के ट्रेंड के पीछे भागने की चिंता से बच सकते हैं।”