facebookmetapixel
Stock Market Today: GIFT Nifty में तेजी, Nikkei 50,000 पार; Wall Street ने बनाया नया रिकॉर्ड बनायासीमेंट के दाम गिरे, लेकिन मुनाफे का मौका बरकरार! जानिए मोतीलाल के टॉप स्टॉक्स और उनके टारगेटStocks To Watch Today: Lenskart की IPO एंट्री से बाजार में हलचल, आज इन दिग्गज शेयरों पर रहेगी निवेशकों की नजरEditorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिश

Nifty Auto इंडेक्स ने भरा फर्राटा, ट्रंप के शुल्क में राहत के संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति के आयात शुल्क में राहत देने के बयान से ऑटो सेक्टर में तेजी, 15 कंपनियों के शेयरों में 2 से 8 फीसदी की बढ़त

Last Updated- April 15, 2025 | 10:48 PM IST
Auto sales July 2025

निफ्टी ऑटो सूचकांक आज 3.4 फीसदी चढ़ गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के वाहनों से जुड़े आयात शुल्क में छूट देने के संकेत के कारण इसमें बढ़ोतरी हुई है। सूचकांक के सभी 15 शेयर 2 से 8 फीसदी की तेजी के साथ
बंद हुए।

ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि वह मेक्सिको, कनाडा और अन्य देशों से विदेशी वाहन और कल-पुर्जों के आयात पर लगाए गए 25 फीसदी शुल्क में संशोधन पर विचार कर रहे हैं। इन शुल्कों से कार की लागत हजारों डॉलर बढ़ सकती है और ट्रंप ने कहा कि कार कंपनियों को इसके लिए थोड़ा वक्त मिलना चाहिए क्योंकि वे उन्हें यही बनाने जा रही हैं।

बाजार मूल्य के लिहाज से देश की सबसे बड़ी वाहन पुर्जा कंपनी संवर्धन मदरसन का शेयर 8 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। बालकृष्ण इंडस्ट्रीज और भारत फोर्ज के शेयर में 7-7 फीसदी की तेजी दिखी जबकि टाटा मोटर्स का शेयर 4.6 फीसदी उछला। जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) बनाने वाली कंपनी की बिक्री का करीब एक चौथाई हिस्सा अमेरिका से आता है।

इसी महीने की दो तारीख को ट्रंप के शुल्क लगाने की घोषणा के बाद निफ्टी ऑटो सूचकांक में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई थी। सूचकांक ने करीब-करीब अपने सभी नुकसान की भरपाई कर ली है मगर 2 अप्रैल के स्तर से अभी 3 फीसदी से कम है। अमेरिकी बाजार पर निर्भर कंपनियों के शेयरों को सबसे ज्यादा घाटा हुआ है। जवाबी शुल्कों को 90 दिन तक स्थगित करने के कुछ ही दिनों बाद ट्रंप का यह बयान आया है।

बीते शुक्रवार को अपने एक नोट में नोमुरा ने कहा था कि अमेरिकी शुल्क पर विराम से भारत के आपूर्तिकर्ताओं को लाभ मिल सकता है क्योंकि अमेरिकी वाहन विनिर्माता अमेरिका और चीन बीच चल रहे व्यापार युद्ध के बीच चीन को छोड़ अन्य देशों से पुर्जे मंगाने की कोशिश करेंगे।

टाटा मोटर्स को छोड़कर अधिकतर भारतीय कार कंपनियों का अमेरिका को सीमित निर्यात है। मगर पुर्जा विनिर्माताओं के लिए स्थिति बिल्कुल जुदा है। उनके लिए अमेरिका कई वर्षों से निर्यात का शीर्ष स्थान रहा है। भारतीय वाहन पुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) के मुताबिक उद्योग ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में दुनिया भर में 11.1 अरब डॉलर के पुर्जों का निर्यात किया।

इसमें से करीब 28 फीसदी यानी 3.67 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका को किया गया। क्रिसिल रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है कि मई के आखिरी हफ्ते से इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन पार्ट्स और इलेक्ट्रिकल पार्ट्स जैसे पुर्जों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने के अमेरिकी फैसले से भारतीय पुर्जा निर्यातकों के परिचालन मार्जिन में मौजूदा 12 से 12.5 फीसदी की सीमा से 125 से 150 आधार अंकों की कमी आ सकती है, बशर्ते वे पूरे शुल्क को वहन कर लें।

First Published - April 15, 2025 | 10:48 PM IST

संबंधित पोस्ट