इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) का खुमार म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के सिर पर भी चढ़कर बोल रहा है। स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म वेंचुरा (Ventura) की एक स्टडी के मुताबिक, सितंबर 2025 में समाप्त तिमाही के दौरान फंड हाउसों ने हालिया आईपीओ में जबरदस्त भागीदारी दिखाई है। रिपोर्ट के अनुसार, म्युचुअल फंड्स ने नई लिस्टेड कंपनियों में 8,752 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।
स्टडी में यह भी सामने आया है कि इन नई कंपनियों में से अधिकांश स्मॉल-कैप कैटेगरी की हैं, जबकि केवल एक कंपनी मिड-कैप कैटेगरी से आती है। यह रुझान दर्शाता है कि म्युचुअल फंड उद्योग अब छोटी लेकिन तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में रणनीतिक रूप से निवेश कर रहा है, जिनसे आने वाले समय में बेहतर रिटर्न की उम्मीद है।
Also Read: SIP 15×15×15 Strategy: ₹15,000 मंथली निवेश से 15 साल में बनाएं ₹1 करोड़ का फंड
| New Entrants – IPO | Market Value (Rs. in crores)
Held by Mutual Fund Schemes |
Categorisation as per SEBI |
|---|---|---|
| Anthem Biosciences | 2,754 | Mid Cap |
| Aditya Infotech | 1,272 | Small Cap |
| JSW Cement | 1,039 | Small Cap |
| Travel Food Services | 793 | Small Cap |
| Urban Company | 777 | Small Cap |
| Bluestone Jewellery And Lifestyle | 452 | Small Cap |
| Saatvik Green Energy | 383 | Small Cap |
| National Securities Depository | 363 | Small Cap |
| Indiqube Spaces | 340 | Small Cap |
| Vikram Solar | 326 | Small Cap |
| Brigade Hotel Ventures | 253 | Small Cap |
Source: Ventura
Also Read: Mutual Fund में बड़े बदलाव की तैयारी! निवेशकों का बढ़ेगा रिटर्न, फंड मैनेजर्स के लिए राह होगी कठिन
पिछली तिमाही में प्रमुख इक्विटी कैटेगरी की AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में मजबूत दो अंकों की वृद्धि हुई थी। लेकिन इस तिमाही में स्मॉल-कैप और मिड-कैप कैटेगरी की रफ्तार धीमी पड़ गई है। स्मॉल-कैप की वृद्धि 20% से घटकर 0.6% और मिड-कैप की वृद्धि 17% से घटकर 0.4% रह गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स में आई करेक्शन की वजह से हुई है। वहीं, निफ्टी 50 में इस दौरान मामूली बढ़त देखने को मिली।

Source: Ventura
Also Read: Upcoming NFO: अगले हफ्ते होगी एनएफओ की बारिश, 7 नए फंड लॉन्च को तैयार; ₹500 से निवेश शुरू
स्टडी के अनुसार, सितंबर 2025 तिमाही में इक्विटी स्कीम्स में 1,06,554 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया, जबकि पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 66,869 करोड़ रुपये था। वहीं, डेट स्कीम्स से 3,156 करोड़ रुपये का आउटफ्लो (निकासी) दर्ज किया गया, जबकि पिछली तिमाही में इसमें 2,01,516 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था। हाइब्रिड स्कीम्स में भी लगातार निवेश बना रहा। सितंबर 2025 तिमाही में इसमें करीब 45,570 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया, जबकि पिछली तिमाही में यह आंकड़ा लगभग 58,235 करोड़ रुपये था।

Source: Ventura
इसके अलावा, मंथली SIP निवेश ने नया रिकॉर्ड बनाया — सितंबर 2025 के अंत तक 29,361 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि जून 2025 में यह आंकड़ा 27,269 करोड़ रुपये था।