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SIP: हर महीने ₹2000 निवेश से 5, 10, 15 और 20 साल में कितना बनेगा फंड? देखें कैलकुलेशन

SIP की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें बाजार की टाइमिंग पर जोर नहीं होता, क्योंकि यह ‘रुपी कॉस्ट एवरेजिंग’ (rupee cost averaging) के सिद्धांत पर काम करता है

Last Updated- October 06, 2025 | 9:43 AM IST
SIP calculator

SIP Investment: वैश्विक अनिश्चितताओं, ट्रंप टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव के चलते शेयर बाजारों में बीते एक साल से उठापटक का सिलसिला जारी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे समय में SIP के जरिए निवेश करना ज्यादा बेहतर विकल्प है। SIP निवेश वोलैटिलिटी से बचने में मदद करेगा, साथ ही साथ लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग के जादू से आपके लिए एक बड़ा फंड भी तैयार कर सकता है। अगर आप हर महीने म्युचुअल फंड में 2,000 रुपये की systematic investment plan (SIP) करते हैं और औसतन 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो लॉन्ग टर्म में यह निवेश लगभग 19 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। यह उदाहरण बताता है कि कम्पाउंडिंग और अनुशासित निवेश समय के साथ कितनी बड़ी ताकत बन जाते हैं।

SIP क्या है?

SIP म्युचुअल फंड में निवेश का एक आसान जरिया है। SIP के जरिए निवेशक हर महीने, तिमाही या सालाना आधार पर एक तय राशि म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह नियमित और अनुशासित निवेश की आदत को बढ़ावा देता है। SIP की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें बाजार की टाइमिंग पर जोर नहीं होता, क्योंकि यह ‘रुपी कॉस्ट एवरेजिंग’ (rupee cost averaging) के सिद्धांत पर काम करता है। जब बाजार गिरता है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, और जब चढ़ता है तो कम यूनिट्स, जिससे औसत लागत संतुलित होती है।

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SIP Calculator: कितने साल में कितना फंड?

5 साल में

कुल निवेश: 1.20 लाख रुपये

अनुमानित फंड: 1.62 लाख रुपये

10 साल में

कुल निवेश: 2.40 लाख रुपये

अनुमानित फंड: 4.48 लाख रुपये

एक दशक में आपके SIP की वैल्यू कुल निवेश के लगभग दोगुनी हो जाएगी।

15 साल में

कुल निवेश: 3.60 लाख रुपये

अनुमानित फंड: 9.51 लाख रुपये

15 साल में आपके SIP की वैल्यू कुल निवेश के करीब तीन गुना बढ़ जाएगी।

20 साल में

कुल निवेश: 4.80 लाख रुपये

अनुमानित फंड: 18.40 लाख रुपये

दो दशक में आपके SIP निवेश की वैल्यू 4 गुना से ज्यादा बढ़ जाएगी।

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SIP में छुपा है कम्पाउंडिंग का जादू

SIP लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प है। बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम कहते हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा कंपाउंडिंग (ब्याज पर ब्याज का मिलना) है। समय के साथ यह फंड को धीरे-धीरे बड़ा बनाता है। लंबे समय तक SIP करने से आप बाजार की उठापटक का फायदा उठा सकते हैं। इससे निवेश की लागत भी औसतन कम हो जाती है। इसमें एक साथ बड़ी रकम लगाने की जरूरत नहीं होती।

उनका कहना है, आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम लगाकर धीरे-धीरे बड़ा फंड बना सकते हैं। यह तरीका कम जोखिम वाला भी है। हालांकि, यह ध्यान जरूर रखना चाहिए कि किसी भी फंड की पिछली परफॉर्मेंस उसके भविष्य के परफॉर्मेंस की गारंटी नहीं होता है। इसलिए ​निवेशकों को रिस्क उठाने की क्षमता के आधार पर फंड का चयन करना चाहिए।


(डिस्क्लेमर: म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी कोई भी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - October 6, 2025 | 9:43 AM IST

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