Mutual Fund Lumpsum investment: क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ ₹50 हजार की एकमुश्त निवेश से आप ₹15 लाख तक का बड़ा फंड बना सकते हैं? सुनने में यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर आपके पास धैर्य है और आप लंबी अवधि तक निवेश करना चाहते हैं, तो यह बिल्कुल मुमकिन है। इसके लिए जरूरी है सही प्लानिंग और कंपाउंडिंग का फायदा लेना।
अक्सर लोग म्युचुअल फंड में SIP यानी हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम लगाकर निवेश करते हैं। लेकिन अगर आपके पास एकमुश्त पैसा है और आप उसे लंबे समय के लिए लगाते हैं, तो बाजार की चाल को लेकर बार-बार चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती। सही योजना और धैर्य के साथ किया गया एकमुश्त निवेश समय के साथ बड़ा फंड बना सकता है। वो भी बिना बार-बार पैसे लगाने की झंझट के। तो आइए जानते हैं कि एकमुश्त निवेश कैसे काम करता है।
जब आप म्युचुअल फंड में एकमुश्त यानी एक बार में कोई रकम लगाते हैं, तो वह हर साल बढ़ती रहती है। अगर यह निवेश लंबे समय के लिए किया जाए, तो कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज का जादू काम करता है और आपकी रकम कई गुना बढ़ सकती है।
BPN Fincap के डायरेक्टर ए.के. निगम ने एकमुश्त निवेश (यानी एक बार में बड़ा निवेश) के कई फायदे बताए। उन्होंने कहा, “यह तरीका उन निवेशकों के लिए बेहतर हो सकता है जो एकमुश्त पैसा लगाना चाहते हैं और लंबे समय तक अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं। एकमुश्त निवेश बहुत आसान होता है। इसमें बार-बार पैसे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, बस एक बार में पूरा निवेश कर दिया जाता है। जब आप पूरा पैसा एक साथ लगाते हैं, तो वो तुरंत बाजार में काम करने लगता है। इससे लंबे समय में मुनाफा बढ़ने की संभावना रहती है क्योंकि कंपाउंडिंग (ब्याज पर ब्याज) जल्दी शुरू हो जाती है।”
निगम ने आगे कहा, “बार-बार बाजार की चाल देखकर निवेश करने से तनाव होता है। एकमुश्त निवेश में आप एक बार निवेश करके निश्चिंत हो जाते हैं। एकमुश्त निवेश से आपका पैसा सीधे बाजार में लग जाता है, जिससे अगर बाजार चढ़ता है तो आपको तुरंत उसका फायदा मिलने लगता है। समय के साथ-साथ निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी बढ़ता है, जिससे आपका पैसा तेजी से बढ़ सकता है।”
“इसे ही कंपाउंडिंग का असर कहते हैं। अगर आपने बाजार की गिरावट के बाद एकमुश्त निवेश किया है, तो आनेवाली तेजी का आपको सीधा फायदा मिल सकता है। एकमुश्त निवेश में आपको हर महीने या बार-बार पैसा लगाने की चिंता नहीं होती। इससे समय और ऊर्जा दोनों बचते हैं। निगम ने सलाह दी कि एकमुश्त निवेश करने से पहले हमेशा अपनी आर्थिक स्थिति, लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और बाजार की स्थिति को ध्यान में जरूर रखें।”
मान लीजिए आपने ₹50,000 एकमुश्त म्युचुअल फंड की किसी इक्विटी में निवेश किया और इस पर हर साल औसतन 12% का रिटर्न मिलता रहा। ऐसी स्थिति में यह निवेश 30 साल बाद करीब ₹15 लाख का हो सकता है। इस रकम में से लगभग ₹14,47,996 सिर्फ ब्याज यानी कंपाउंडिंग से कमाया गया लाभ होगा। कुल फंड होगा ₹14,97,996 यानी लगभग ₹15 लाख।
अब सोचिए कि कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र में निवेश की शुरुआत करता है और वह 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। यानी उनके पास कुल 35 साल का समय है। इस लंबे समय का फायदा उठाकर वह एक छोटा निवेश भी बड़ी रकम में बदल सकते हैं।
अगर उन्होंने ₹1.5 लाख एक बार में लगाया, तो 35 साल बाद यह रकम बढ़कर करीब ₹44,93,988 हो सकती है, जिसमें ₹43,43,988 सिर्फ ब्याज होगा।
यदि निवेश ₹3 लाख का है, तो अनुमानित लाभ ₹86,87,977 हो सकता है और कुल फंड ₹89,87,977 तक पहुंच सकता है।
वहीं ₹6 लाख के निवेश पर 35 साल में अनुमानित लाभ ₹1,73,75,953 हो सकता है और कुल फंड ₹1,79,75,953 के करीब हो सकता है।
इसका मतलब साफ है कि अगर आप कम उम्र में और लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो कंपाउंडिंग का फायदा उठाकर आप छोटी रकम से भी बड़ा रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं।
गौर करने वाली बात है कि पैसे की इतनी तेजी से बढ़ोतरी का राज़ कंपाउंडिंग में छुपा है। इसका मतलब है कि आपको केवल प्रिंसिपल अमाउंट पर ही नहीं, बल्कि पहले से जमा हुए ब्याज पर भी ब्याज मिलता रहता है। जितना अधिक समय आपका पैसा निवेशित रहेगा, उतना ही ज्यादा आपका पैसा बढ़ेगा। इसलिए जल्दी निवेश शुरू करना और इसे लंबे समय तक बनाए रखना सबसे बड़ा फायदा देता है।
कुल मिलाकर, इसका सीधा परिणाम यह है कि अगर आप अपने भविष्य के लिए बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, लेकिन आपके पास अभी ज्यादा पैसा नहीं है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। छोटे निवेश, जैसे ₹50 हजार भी समय के साथ बड़ी में बदल सकता है। बस आपको निवेश जल्दी शुरू करना होगा और धैर्य से लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखना होगा।
(डिस्क्लेमर: म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)