RIL Dividend: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड का एलान किया था। इसके बाद कंपनी ने अपने शेयरहोल्डर्स को समय सीमा से पहले अपने अनपेड डिविडेंड (unpaid dividends) का दावा करने के लिए कहा है। ताकि पैसे इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) में ट्रांसफर होने से बचाई जा सके।
बता दें कि डिविडेंड (Dividend) के लिए दावा करना कंपनी की रेगुलेटरी जिम्मेदारी होती है। इसके तहत कंपनी को IEPF में ट्रांसफर से पहले शेयरहोल्डर्स को सूचना देना आवश्यक होता है।
कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 124 के तहत, अगर कोई डिविडेंड लगातार सात वर्षों तक अनक्लेम्ड रहता है, तो उसे IEPF में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके अलावा उन शेयरों को भी IEPF में ट्रांसफर कर दिया जाता है जिन पर डिविडेंड का दावा नहीं होता है।
RIL ने उन शेयरहोल्डर्स की लिस्ट जारी की है जिनके वित्त वर्ष 2016-17 (FY17) से संबंधित डिविडेंड अब तक क्लेम नहीं किए गए हैं। इन डिविडेंड और संबंधित शेयरों का IEPF को ट्रांसफर इसी साल किया जाना है।
शेयरहोल्डर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज की वेबसाइट के ‘Investor Relations’ सेक्शन में जाकर Unclaimed Dividend सेक्शन में अपना स्टेटस देख सकते हैं। यहां आप अपना फोलियो नंबर या DP/Client ID डालकर अपने खाते से जुड़े अनक्लेम्ड डिविडेंड की जानकारी आपको मिल जायेगी। साथ ही किसी भी सहायता के लिए कंपनी ने ईमेल और हेल्पलाइन नंबर भी दिया है।
डिविडेंड क्लेम करने का प्रोसेस (IEPF ट्रांसफर से पहले):
–शेयरहोल्डर्स को KFin Technologies Ltd को एक लिखित आवेदन देना होगा। इसमें कुछ दस्तावेज शामिल होने चाहिए’
–सही से साइन की गई एप्लिकेशन
–पहचान पत्र (जैसे PAN या आधार)
–बैंक डिटेल्स और कैंसिल चेक
–शेयरहोल्डिंग का सबूत
यह सभी दस्तावेज निर्धारित समय सीमा से पहले जमा करने होंगे, ताकि डिविडेंड आपके खाते में आ सके और शेयर IEPF को ट्रांसफर न हों।
यदि आपके डिविडेंड और शेयर पहले ही IEPF में ट्रांसफर हो चुके हैं, तब भी आप उन्हें वापस ले सकते हैं। इसके लिए आपको IEPF-5 फॉर्म को Ministry of Corporate Affairs की वेबसाइट पर ऑनलाइन भरना होगा। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज़ों को RIL और IEPF अथॉरिटी को वेरिफिकेशन के लिए भेजना होगा।