ऐक्सिस म्युचुअल फंड में फ्रंट रनिंग घोटाले को सामने लाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने मोबाइल टावर सिग्नल के विश्लेषण से लेकर ब्लूमबर्ग के चैट आदि का इस्तेमाल किया। इस वजह से 30 करोड़ रुपये से की अवैध कमाई हुई।
कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि फ्रंट रनिंग के उल्लंघन को स्थापित करना आसान नहीं होता लेकिन सेबी ने ऐक्सिस म्युचुअल फंड के पूर्व प्रमुख डीलर वीरेश जोशी व 20 अन्य की तरफ से उल्लंघन की पुष्टि का मजबूत मामला बनाया, जिन्होंने कथित तौर पर इन फायदों को हासिल करने के लिए चालाकी के साथ एक गठजोड़ बनाया। यह खास एनालि टिकल टूल के इस्तेमाल से संभव हो पाया।
सेबी के पूर्व अधिकारी और रेगस्ट्रीट लॉ एडवाइजर्स के संस्थापक सुमित अग्रवाल ने कहा, इस मामले में व्यक्तियों व इकाइयों के जटिल नेटवर्क है, जो कथित तौर पर इनसाइडर ट्रेडिंग और धोखाधड़ी वाली अन्य गतिविधियों के व्यापक इस्तेमाल से जुड़ा था। सेबी ने जांच में डेटा एनालिटिक्स और फॉरेंसिक ऑडिट का व्यापक इस्तेमाल किया ताकि गड़बड़ी का पता लगाया जा सके, जो संकेत देता है कि नियामक जांच की विशेष तकनीक की ओर बढ़ रहा है। सेबी अपनी कोशिशों में इजाफा कर रहा है।
मंगलवार को जारी सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में प्रतिभूति बाजार से 21 इकाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है और अवैध रूप से कमाए गए 30.6 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया है।
आदेश से पता चलता है कि नई पीढ़ी के एनालिटिकल टूल का इस्तेमाल किया गया और व्हाट्सऐप चैट, ईमेल, मोबाइल डेटा रिकॉर्ड व मोबाइल फोन के लोकेशन टावर के आईटी के इस्तेमाल के जरिए स्थापित किए गए।
जनवरी 2022 में व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी और उस समय खोजबीन में जब्त आइटम से सेबी को धोखाधड़ी वाली योजना का पता लगाने में मदद मिली, जिसे कथित तौर पर जोशी ने तैयार किया था।
सेबी ने आरोप लगाया कि जोशी ने संवेदनशील गैर-सार्वजनिक सूचना उपलब्ध कराई जो ऐक्सिस एमएफ के बड़े ऑर्डर से संबंधित थी और सहायकों ने पोजीशन बनाया और फायदा उठाया।