सूचीबद्ध पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) की हिस्सेदारी कुल बाजार पूंजीकरण में तीन साल के उच्चस्तर 11.4 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले दो साल में पीएसयू शेयरों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऐसा हो पाया। साल 2021 व 2022 में बीएसई पीएसयू इंडेक्स में क्रमश: 41 फीसदी व 23 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि कई चीजों मसलन शेयरों की कम कीमत पर खरीद और तेजी के रुख (खास तौर से पीएसयू बैंकिंग यानी पीएसबी) से इस क्षेत्र की किस्मत सुधरी। पिछले दो साल में गैर-निष्पादित कर्ज में नई रकम काफी कम जुड़ने से निवेशकों का नजरिया पीएसबी पर तेजी का रहा।
हालिया तिमाहियों में इस वजह से उनके मार्जिन में तेजी से सुधार हुआ है। मॉर्गन स्टैनली ने हासिला नोट में कहा है, हमें उम्मीद है कि 2023 की दूसरी तिमाही में मार्जिन 10 से 20 आधार अंक सुधरेगा। पीएसबी में निजी बैंकों के मुकाबले अपेक्षाकृत ज्यादा मार्जिन विस्तार देखने को मिलेगा।
निवेशकों ने पीएसयू पैक में मूल्यांकन को लेकर सहजता देखी, जो 2018 से 2020 के बीच टूटा था। उस अवधि में विनिवेश पर लटकी तलवार और राजकोषीय जरूरतों के लिए लगातार लाभांश निकाले जाने से पीएसयू शेयरों को लेकर नकारात्मक अवधारणा बनी।
सतत वृद्धि का अभाव, बाजार के लिहाज से अनुकूल परिचालन न होना और क्षेत्र विशेष की समस्या ने भी पीएसयू के बाजार पूंजीकरण में गिरावट में योगदान किया।
2018 से 2020 के बीच बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 37 फीसदी की गिरावट आई
2018 से 2020 के बीच बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 37 फीसदी की गिरावट आई। पिछले दो कैलेंडर वर्ष में इंडेक्स 73 फीसदी चढ़ा है। विश्लेषकों ने कहा कि पीएसयू शेयरों ने कुछ साल तक गिरावट का चक्र और उसके बाद कुछ साल तक तेजी के दौर का अनुपालन किया है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, पिछले साल पीएसयू शेयर काफी आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे थे जबकि इससे पिछले साल उनकी चाल अच्छी थी।
विश्लेषकों ने कहा, मूल्यांकन सहजता, आकर्षक लाभांश प्रतिफल, सरकारी पहल मसलन मेक इन इंडिया और पीएसबी प्रमुखों को लंबा कार्यकाल दिए जाने से पीएसयू पैक की दोबारा रेटिंग में मदद मिली।
प्रभाकर ने कहा, दिवालिया की पूरी प्रक्रिया से पीएसबी को मदद मिली। उन्होंने पीएसयू प्रमुखों को लंबा कार्यकाल दिया। इससे पहले प्रमुखों को कंपनियों के विकास के लिए अच्छे फैसले की खातिर ज्यादा समय नहीं मिलता था। कंपनियां आगे बढ़ रही हैं, ऑर्डर बुक बेहतर है और उनके क्रियान्वयन में सुधार आया है।
विश्लेषकों ने कहा, आने वाले समय में निवेशकों को इस पैक से शेयर चयन में सतर्कता बरतनी होगी, खास तौर से पिछले दो साल की तेजी के बाद।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, धातु, लॉजिस्टिक्स और मिनरल के क्षेत्र में कुछ मिडकैप पीएसयू हैं, जिनमें तेजी नहीं आई क्योंकि कारोबार का चक्र प्रतिकूल था। लेकिन इस साल यह अनुकूल हो सकता है। कुछ शेयरों में बढ़त आनी चाहिए। निवेशकों को समझना चाहिए कि कुछ साल तक चक्र चरम पर होता है और फिर उसमें फिसलन आती है। अगर मूल्यांकन को लेकर सहजता न मिले तो पीएसयू से दूर रहना चाहिए।