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बाजार हलचल: चुनावी अनिश्चितता और बिकवाली के बीच ऑप्शन राइटर्स फंसे

पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग की एख खबर पर सबकी नजर चली गई। वह यह कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की शॉर्ट पोजीशन 12 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई है।

Last Updated- May 19, 2024 | 9:56 PM IST
The market succumbed to the selling by foreign investors, FPI has withdrawn Rs 21,272 crore so far in February विदेशी निवेशकों की बिकवाली के आगे बाजार ने टेके घुटने, FPI ने फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये निकाले

चुनावी अनिश्चितता और विदेशी फंडों (Foreign funds) की लगातार बिकवाली के बीच भारतीय बाजार कारोबारी सत्र के दौरान काफी घट-बढ़ का सामना कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में गुरुवार को करीब 400 अंकों की घट-बढ़ देखने को मिली। गुरुवार निफ्टी के साप्ताहिक अनुबंधों के एक्सपायरी का भी दिन था। ऐसे में उस दिन निफ्टी के कई ऑप्शन अनुबंधों में उनके उच्च व निम्नस्तरों के बीच 10 गुना से ज्यादा की चाल देखी गई।

परिणामस्वरूप कई ऑप्शन राइटर्स (जो पुट या कॉल ऑप्शन बिना किसी अंतर्निहित पोजीशन के बेचते हैं और उनका इरादा निचली दरों पर इन्हें खरीदने का होता है) फंस गए।

ऑप्शन राइटर्स के लिए नुकसान सैद्धांतिक तौर पर असीमित हो सकता है क्योंकि जब कीमतें बढ़ती हैं तो वे कारोबार समाप्त करने के लिए किसी भी कीमत पर खरीदने को बाध्य होते हैं।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि वैयक्तिक ट्रेडर ही अक्सर इसमें फंस जाते हैं क्योंकि अल्गोरिदम और उच्च फ्रीक्वेंसी वाले ट्रेड के मुकाबले उनके कमाने की संभावना कम होती है। उतार-चढ़ाव में हुई हालिया बढ़ोतरी को देखते हुए ब्रोकर अपने क्लाइंटों को ऑप्शन राइटिंग से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं।

इतनी भी नहीं हैं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की शॉर्ट पोजीशन

पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग की एख खबर पर सबकी नजर चली गई। वह यह कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की शॉर्ट पोजीशन 12 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई है।

हालांकि बीट द स्ट्रीट के सह-संस्थापक निमिष माहेश्वरी के गहन विश्लेषण से पता चला है कि एनएसई के निफ्टी के लॉट साइज में हुए हालिया बदलाव के बाद शॉर्ट पोजीशन उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी बताई जा रही हैं।

उन्होंने एक नोट में कहा कि नवंबर 2023 में निफ्टी फ्यूचर का लॉट साइज 75 था। इसलिए कुल शॉर्ट पोजीशन में सकल निवेश निफ्टी के 19,133 के स्तर पर करीब 31,000 करोड़ रुपये था। अब 83 फीसदी ज्यादा श़ॉर्ट पोजीशन को देखते हुए कुल शॉर्ट पोजीशन में सकल निवेश निफ्टी के 22,300 के स्तर पर करीब 22,000 करोड़ रुपये है।

यह काफी कम है और उतनी ज्यादानहीं हैं, जितनी बताई जा रही है। कई लोग एफपीआई की शॉर्ट पोजीशन के उच्चस्तर को बाजार के निचले स्तर से उबरने का संकेत मान रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य से यह स्पष्ट संकेत नहीं है।

ऑफिस स्पेस के आईपीओ का जीएमपी का संकेत

ऑफिस स्पेस सॉल्युशंस का शेयर ग्रे मार्केट में 20 फीसदी प्रीमियम पर बिक रहा है। कंपनी का 600 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम बुधवार को खुल रहा है।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि हाल में सूचीबद्ध शेयरों के अच्छे प्रदर्शन ने आईपीओ को लेकर मनोबल पर सकारात्मक असर डाला है। अगर बाजार की धारणा में बदलाव आता है तो जीएमपी में भी तेजी से परिवर्तन हो सकता है ।

प्राइवेट इक्विटी फर्म क्रिसकैपिटल और अग्रणी निवेशक आशिष कचोलिया के समर्थन वाली कंपनी ऑफिस स्पेस इस आईपीओ में 148 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी कर रही है और उसने कीमत दायरा 364 से 383 रुपये तय किया है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 2,659 करोड़ रुपये बैठता है।

First Published - May 19, 2024 | 9:56 PM IST

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