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मार्च 2020 का निचला स्तर देसी बाजारों के लिए अहम घटनाक्रम

Last Updated- December 12, 2022 | 5:41 AM IST

जाने-माने निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने कहा है कि मार्च 2020 में दर्ज किया गया निचला स्तर भारतीय शेयर बाजार में तीन सबसे बड़े बदलावों में से एक था। उनका कहना है कि मार्च 2020 का निचला स्तर 1989 के आम बजट और 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद दर्ज किए गए निचले स्तरों जैसा घटनाक्रम था।
उन्होंने एआईएमए द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘मार्च में कोविड का निचला स्तर खरीदारी के लिहाज से सबसे बड़ा अवसर था। रिस्क-रिवार्ड काफी हद तक आपके अनुकूल था। उस समय अपने जो भी खरीदा, वह उस स्तर से दोगुना या तिगुना हो गया है।’
कोविड संकट के संबंध में उन्होंने कहा कि चिकित्सीय सुविधाओं की गैर-उपलब्धता एक बड़ा संकट है। फिर भी, झुनझुनवाला का कहना है कि मौजूदा संकट अस्थायी झटका है और भारत लंबी तेजी वाले बाजार के लिए तैयार है। उनका कहना है कि दो अंक में आर्थिक वृद्घि के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी की राह पर है।
उन्होंने कहा, ‘कोविड की दूसरी लहर के बावजूद, हम दो अंक की वृद्घि दर्ज करेंगे। हम ‘बिग बुल रन’ के मध्य में हैं। भारत दो अंक की वृद्घि दर्ज करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या मौजूदा गिरावट बरकरार रहेगी तो  इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। यदि हम चरम स्तर 250,000 मामलों के आसपास मानते हैं तो मुझे नहीं लगता कि बाजार बहुत ज्यादा गिरेगा। यदि इसे लेकर स्थिति अनियंत्रित बनी रही और मामले हर दिन 600,000 पर पहुंचे तो बाजार गिर सकता है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और क्षेत्रीय शेयरों के चयन के संदर्भ में धातु क्षेत्र प्रमुख लाभार्थी होगा। झुनझुनवाला ने कहा कि धातुओं के लिए मांग मजबूत होगी, और निवेशकों ने पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र की काफी हद तक अनदेखी की। उन्होंने कहा कि सीमेंट और धातु शेयरों में उनके परिदृश्य को देखते हुए मूल्यांकन में बड़ा अंतर है। झुनझुनवाला ने कहा कि मिड और स्मॉल-कैप श्रेणी में कई पिटे हुए शेयर अच्छा प्रतिफल देंगे।

First Published - April 20, 2021 | 11:34 PM IST

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