सितंबर से पहले 2 अरब डॉलर के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले टाटा कैपिटल का निदेशक मंडल गुरुवार को बैठक कर रहा है। इसमें एक और राइट्स इश्यू पर विचार किया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी गई सूचना में टाटा कैपिटल ने राइट्स इश्यू के आकार या मूल्य निर्धारण के विवरण का खुलासा नहीं किया।
टाटा कैपिटल में 93 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली टाटा संस ने मार्च में कंपनी के पिछले राइट्स इश्यू को सबस्क्राइब किया था और जुटाई गई कुल रकम 1,504 करोड़ रुपये में से 1,400 करोड़ रुपये का योगदान किया था। बाकी हिस्सेदारी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, टीसीएल इप्लायी वेलफेयर ट्रस्ट और अन्य अल्पांश निवेशकों के पास है।
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रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार मार्च में किए गए निवेश ने 31 मार्च, 2025 तक टाटा कैपिटल की संयुक्त शुद्ध संपत्ति 32,563 करोड़ रुपये तक बढ़ाने में मदद की। लेकिन वित्त वर्ष 25 के दौरान मजबूत ऋण खातों में वृद्धि ने कंपनी के लिवरेज को एक साल पहले के 6.0 गुना के मुकाबले 6.5 गुना तक बढ़ा दिया। इसके बावजूद, सॉल्वेंसी लेवल (नेट वर्थ से स्टेज 3 के लोन का अनुपात) सहज बना रहा, जो टाटा कैपिटल लिमिटेड में टाटा मोटर्स फाइनैंस लिमिटेड के विलय के बाद थोड़ा बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि बोर्ड एक या एक से अधिक किस्तों में निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) जारी करने के प्रस्ताव पर भी विचार करेगा।
टाटा संस और टाटा कैपिटल ने सोमवार को ईमेल से भेजे गए प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड टाटा कैपिटल के आईपीओ को मंजूरी देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह आईपीओ सितंबर की समय सीमा से पहले आ जाएगा। यह समय सीमा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपर लेयर एनबीएफसी के लिए तय की है जिन्हें अपने शेयर सितंबर तक सूचीबद्ध कराने होंगे।
संयुक्त आधार पर टाटा कैपिटल ने वित्त वर्ष 2025 में 2,48,465 करोड़ रुपये के कुल परिसंपत्ति आधार पर 3,655 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ दर्ज किया जबकि वित्त वर्ष 2024 में 1,76,694 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों पर 3,327 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया गया था।