बेंगलूरु की वर्कस्पेस सेवा प्रदाता इंडिक्यूब स्पेसेज की नजर करीब 5,000 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण पर है। कंपनी का 700 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 23 जुलाई, 2025 को खुलने जा रहा है। इंडिक्यूब स्पेसेज सह-संस्थापक और चेयरपर्सन ऋषि दास ने कहा, हमारे बुक रनिंग लीड मैनेजरों ने हमें वैल्युएशन पर सलाह दी है और कई कारकों को ध्यान में रखते हुए हमने अपना कीमत दायरा तय किया है। इन सभी बातों और हमारे ऊपरी कीमत दायरे को ध्यान में रखते हुए हमारा मूल्यांकन करीब 5,000 करोड़ रुपये होना चाहिए।
कंपनी इस महीने सार्वजनिक सूचीबद्धता की तैयारी कर रही है और यह गुरुग्राम की स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेज के बाद आ रही है। स्मार्टवर्क्स ने गुरुवार को 5,230 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ शेयर बाजार में शुरुआत की है। पिछले साल ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस सूचीबद्ध हुई थी और अब उसका बाजार पूंजीकरण करीब 4,662 करोड़ रुपये है। वीवर्क इंडिया, इंडिक्यूब और डेवएक्स जैसेत को-वर्किंग स्पेस प्रदाता सार्वजनिक सूचीबद्धता की तैयारियां कर रहे हैं। एनारॉक के अनुसार जनवरी से जून की अवधि में कार्यालय स्थानों को पट्टे पर देने के लिए को-वर्किंग स्थान दूसरा सबसे अधिक मांग पैदा करने वाला खंड है। इस दौरान शुद्ध कार्यालय स्थान 2.68 करोड़ वर्ग फुट तक बढ़ गया जो पिछले वर्ष से 40 फीसदी ज्यादा है।
इंडिक्यूब स्पेसेज के निर्गम का कीमत दायरा 1 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयर के लिए 225 से 237 रुपये तय किया गया है। निर्गम में 650 करोड़ रुपये का नया निर्गम और प्रवर्तकों दास और कंपनी की सह-संस्थापक मेघना अग्रवाल द्वारा 50 करोड़ रुपये का बिक्री प्रस्ताव शामिल है। कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 70.37 फीसदी है। आईपीओ के बाद यह हिस्सेदारी घटकर 60.22 फीसदी रह जाएगी। दास और अग्रवाल दोनों के पास कंपनी में 18.84 फीसदी हिस्सेदारी है।
कंपनी का लक्ष्य इस इश्यू से प्राप्त कुल आय में से 462.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नए केंद्रों की स्थापना पर करने का है। कंपनी अभी 15 भारतीय शहरों में 115 केंद्रों चला रही है जिनका प्रबंधन क्षेत्र 84 लाख वर्ग फुट है। कंपनी के पोर्टफोलियो केंद्रों में ऑक्युपेंसी का स्तर करीब 85.12 फीसदी है।
कंपनी का लक्ष्य आईपीओ से प्राप्त 93.04 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उधार चुकाने में करने का है। कंपनी का कुल कर्ज लगभग 332 करोड़ रुपये है। दास ने बताया कि कंपनी ने अब तक 332 करोड़ रुपये कर्ज से और 325 करोड़ रुपये इक्विटी से जुटाए हैं।
वेस्टब्रिज कैपिटल ने 2018 में कंपनी में 190 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कंपनी में उसकी मौजूदा हिस्सेदारी करीब 27.96 प्रतिशत है जो आईपीओ के बाद घटकर 24.32 फीसदी रह जाएगी। कंपनी कुल आय में से 94.32 करोड़ रुपये कंपनी के सामान्य कंपनी कामकाज में इस्तेमाल कर सकती है। यह इश्यू शुक्रवार 25 जुलाई को बंद होगा। शेयर 30 जुलाई को सूचीबद्ध हो सकते हैं।