भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रीपो दरों में आज अचानक 40 अंक की बढ़ोतरी कर दी तो सदमे में बेंचमार्क सूचकांक दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट के शिकार हो गए। आरबीआई के इस कदम का झटका वित्तीय क्षेत्र के बड़े शेयर झेल नहीं पाए और अपने साथ सेंसेक्स को भी नीचे खींच ले गए।
फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति भी घोषित होने वाली है, जिसकी चिंता में निवेशक और घबरा गए। बेंचमार्क सेंसेक्स आज 1,307 अंक या 2.3 फीसदी गिरकर 55,669 पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 391 अंक या 2.3 फीसदी लुढ़ककर 16,677 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों में इस साल 7 मार्च के बाद से यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘रीपो में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी ने नहीं बल्कि उसके साथ सीआरआर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी ने चौंकाया है। मुझे नहीं लगता कि बाजारों को इसका अंदाजा था। हर कोई सीआरआर नहीं बल्कि रीपो दर में बढ़ोतरी का अनुमान जता रहा था। इससे तरलता में कमी आएगी।’
भारतीय बाजार में घबराहट रही क्योंकि निवेशक अभी तक खुद को फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति के फैसलों के लिए तैयार कर रहे थे। आरबीआई के इस कदम के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं था। अमेरिकी केंद्रीय बैंक दरें 50 आधार अंक बढ़ाने और अपनी बैलेंस शीट घटाने से संबंधित योजना का खुलासा कर सकता है।
विश्लेषकों ने कहा कि दरों में बढ़ोतरी के अलावा फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोमी पॉवेल की घोषणाओं पर भी कड़ी नजर रहेगी। इससे ही पता चल पाएगा कि अचंभित करने वाली घोषणाओं से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता तो पैदा नहीं हो जाएगी।