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MSCI में 9 भारतीय कंपनियों को शामिल करने से घरेलू शेयरों में आ सकता है 1.5 अरब डॉलर का बड़ा निवेश

MSCI ग्लोबल इंडेक्स के लिए ‘इंडिया पूल’ से कोई शेयर बाहर नहीं किया गया है। सूचकांक में यह समायोजन 30 नवंबर से प्रभावी होगा।

Last Updated- November 15, 2023 | 8:01 PM IST
MSCI Index November review

नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट का कहना है कि वै​श्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई (MSCI) द्वारा ताजा फेरबदल से घरेलू शेयरों में 1.5 अरब डॉलर का निवेश आक​र्षित होने की संभावना है और एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट (EM) इंडेक्स में भारत की हैसियत मजबूत हो सकती है।

MSCI ने बुधवार को ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में बदलाव की घोषणा की। MSCI ने अपने ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में 9 भारतीय कंपनियों को शामिल किया है। ये हैं इंडसइंड बैंक, सुजलॉन एनर्जी, पेटीएम, मैक्रोटेक डेवलपर्स, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, एपीएल अपोलो ट्यूब्स, पॉलिकैब इंडिया, टाटा मोटर्स ‘ए’ और टाटा कम्युनिकेशंस। एमएससीआई की घोषणा के बाद सुजलॉन, पेटीएम और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई।

अक्सर जिन शेयरों को किसी बड़े सूचकांक में शामिल किया जाता है, उनमें तेजी आने की संभावना रहती है।

इसके अलावा, MSCI ग्लोबल इंडेक्स के लिए ‘इंडिया पूल’ से कोई शेयर बाहर नहीं किया गया है। सूचकांक में यह समायोजन 30 नवंबर से प्रभावी होगा।

नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट में अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अ​भिलाष पगारिया ने कहा, ‘इस पुनर्संतुलन के बाद, भारत के शेयरों की संख्या बढ़कर 131 हो जाएगी और हमारा भारांक करीब 16.3 प्रतिशत, जो मौजूदा समय में 15.9 प्रतिशत है।’

इसके अलावा, जोमैटो, जियो फाइनैं​शियल सर्विसेज, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स, वेदांत और तीन अन्य कंपनियों ने भी इस सूचकांक में अपने भारांक में तेजी दर्ज की है। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और कई अन्य में नए समावेशन की वजह से गिरावट आई है। इन शेयरों से कुछ निकासी देखी जा सकती है।

एमएससीआई स्मॉलकैप इंडेक्स में बड़ा बदलाव आएगा, क्योंकि इसमें एसजेवीएन, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, एनएलसी इंडिया को शामिल किया जाएगा और वोडाफोन आइडिया, एसीसी, जिंदल स्टेनलेस, ऑयल इंडिया बाहर होंगे।

इस कदम से विदेशी फंडों का निवेश दो साल की शांति के बाद बढ़ेगा।

नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के नोट के मुताबिक, यह तीन साल में अच्छी खासी बढ़ोतरी को रेखांकित करता है और भारांक करीब-करीब दोगुना हो गया है।

एमएससीआई सूचकांकों को अपने पैसिव फंडों के आवंटन की खातिर इस्तेमाल करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक इस साल 1,217.05 अरब रुपये की भारतीय इक्विटी खरीद चुके हैं।

वित्त वर्ष 2022 व 2023 में उन्होंने शुद्ध आधार पर क्रमश: 1,400.10 अरब रुपये और 376.32 अरब रुपये के शेयरों की बिकवाली की है।

इंडेक्स में चीन के 30 फीसदी के मुकाबले भारत का भारांक दूसरा सबसे ऊंचा भारांक है और पुनर्गठन के बाद यह 1.5 अरब डॉलर का निवेश हासिल कर सकता है। देसी ब्रोकरेज ने एक नोट में ये बातें कही है।

पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी और निदेशक राजीव ठक्कर ने कहा, भारत के भारांक में बढ़ोतरी कुल पूंजी प्रवाह में अपनी सही हिस्सेदारी पाने के लिहाज से सही है।

नुवामा ने कहा, इंडेक्स में शामिल होने के बाद इंडसइंड बैंक, सुजलॉन एनर्जी, परसिस्स्टेंट सिस्टम्स और एपीएल अपोलो ट्यूब्स को अधिकतम निवेश क्रमश: 35.5 करोड़ डॉलर, 28.9 करोड़ डॉलर, 25.5 करोड़ डॉलर और 22.8 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल होगा।

First Published - November 15, 2023 | 8:01 PM IST

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