बेंचमार्क तीन साल व पांच साल के कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को उछल गया क्योंकि डेट म्युचुअल फंड के निवेशकों को मिलने वाले कर फायदे हटाने वाले सरकारी प्रस्ताव ने बाजार का सेंटिमेंट बिगाड़ दिया। ट्रेडरों ने कहा, इससे कॉरपोरेट डेट की मांग को लेकर चिंता पैदा हुई।
शुक्रवार को वित्त विधेयक 2023 के संशोधनों को पारित कर दिया गया, जिसके मुताबिक वैसा डेट फंड जिसका 35 फीसदी से ज्यादा इक्विटी शेयर में न हो, उस पर आयकर के टैक्स स्लैब के आधार पर कर वसूला जाएगा, चाहे निवेश की अवधि कुछ भी हो। इससे लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर का लाभ समाप्त हो जाएगा, जो अभी डेट म्युचुअल फंडों के निवेशकों को मिल रहा है।
अभी डेट म्युचुअल फंड की यूनिट अगर तीन साल बाद बेचे जाते हैं तो लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर 20 फीसदी लगता है।
सरकार के ताजा कदम से कर की गणना निवेशक के ट्रैक ब्रैकेट के आधार पर होगा और कर की दर 30 फीसदी तक भी हो सकती है। इस कदम ने म्युचुअल फंडों की यूनिट को बैंक एफडी के बराबर कर दिया है।
यह देखते हुए कि म्युचुअल फंडों का इस्तेमाल कॉरपोरेट डेट की खरीद में किया जाता है, जिसमें कर छूट की पेशकश होती है, ऐसे में आगे प्रतिभूतियों की मांग पर असर पड़ सकता है।
बेंचमार्क तीन साल व पांच साल वाले कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को द्वितीयक बाजार में 6 से 7 आधार अंक बढ़ गया।
गुरुवार को बेंचमार्क तीन व पांच साल का कॉरपोरेट बॉन्ड क्रमश: 7.81 फीसदी व 7.92 फीसदी पर टिका था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
एसबीआई म्युचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम प्रमुख राजीव राधाकृष्णन ने कहा, बाजार को इसे समाहित करने में थोड़ा वक्त लगेगा। मौजूदा निवेश पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन अप्रैल 2023 के बाद होने वाले निवेश प्रभावित होंगे। कॉरपोरेट बॉन्ड का स्प्रेड बढ़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में टार्गेट मैच्योरिटी फंड व अन्य बॉन्ड फंडों ने द्वितीयक बाजार में खासी नकदी लाई थी।
शुक्रवार को 10 वर्षीय बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड 7.15 फीसदी पर ट्रेड कर रहा था। सरकारी व कॉरपोरेट बॉन्ड के प्रतिफल का स्प्रेड बढ़ने से फर्मों के लिए फंड जुटाना महंगा हो जाता है।
साल 2023 में अब तक 3 साल व 5 साल वाले कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल क्रमश: 16 व 22 आधार अंक चढ़ा है। 10 वर्षीय कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल इस अवधि में 11 आधार अंक बढ़ा है।