facebookmetapixel
Share Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोन

सरकार के कदम से म्युचुअल फंड निवेश पर पड़ सकता है असर

Last Updated- March 24, 2023 | 11:25 PM IST
Corporate bond FPI investment India
Illustration by Ajay Mohanty

बेंचमार्क तीन साल व पांच साल के कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को उछल गया क्योंकि डेट म्युचुअल फंड के निवेशकों को मिलने वाले कर फायदे हटाने वाले सरकारी प्रस्ताव ने बाजार का सेंटिमेंट बिगाड़ दिया। ट्रेडरों ने कहा, इससे कॉरपोरेट डेट की मांग को लेकर चिंता पैदा हुई।

शुक्रवार को वित्त विधेयक 2023 के संशोधनों को पारित कर दिया गया, जिसके मुताबिक वैसा डेट फंड जिसका 35 फीसदी से ज्यादा इक्विटी शेयर में न हो, उस पर आयकर के टैक्स स्लैब के आधार पर कर वसूला जाएगा, चाहे निवेश की अवधि कुछ भी हो। इससे लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर का लाभ समाप्त हो जाएगा, जो अभी डेट म्युचुअल फंडों के निवेशकों को मिल रहा है।

अभी डेट म्युचुअल फंड की यूनिट अगर तीन साल बाद बेचे जाते हैं तो लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर 20 फीसदी लगता है।

सरकार के ताजा कदम से कर की गणना निवेशक के ट्रैक ब्रैकेट के आधार पर होगा और कर की दर 30 फीसदी तक भी हो सकती है। इस कदम ने म्युचुअल फंडों की यूनिट को बैंक एफडी के बराबर कर दिया है।

यह देखते हुए कि म्युचुअल फंडों का इस्तेमाल कॉरपोरेट डेट की खरीद में किया जाता है, जिसमें कर छूट की पेशकश होती है, ऐसे में आगे प्रतिभूतियों की मांग पर असर पड़ सकता है।

बेंचमार्क तीन साल व पांच साल वाले कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को द्वितीयक बाजार में 6 से 7 आधार अंक बढ़ गया।

गुरुवार को बेंचमार्क तीन व पांच साल का कॉरपोरेट बॉन्ड क्रमश: 7.81 फीसदी व 7.92 फीसदी पर टिका था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

एसबीआई म्युचुअल फंड के ​फिक्स्ड इनकम प्रमुख राजीव राधाकृष्णन ने कहा, बाजार को इसे समाहित करने में थोड़ा वक्त लगेगा। मौजूदा निवेश पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन अप्रैल 2023 के बाद होने वाले निवेश प्रभावित होंगे। कॉरपोरेट बॉन्ड का स्प्रेड बढ़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में टार्गेट मैच्योरिटी फंड व अन्य बॉन्ड फंडों ने द्वि‍तीयक बाजार में खासी नकदी लाई थी।

शुक्रवार को 10 वर्षीय बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड 7.15 फीसदी पर ट्रेड कर रहा था। सरकारी व कॉरपोरेट बॉन्ड के प्रतिफल का स्प्रेड बढ़ने से फर्मों के लिए फंड जुटाना महंगा हो जाता है।

साल 2023 में अब तक 3 साल व 5 साल वाले कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल क्रमश: 16 व 22 आधार अंक चढ़ा है। 10 वर्षीय कॉरपोरेट बॉन्ड का प्रतिफल इस अवधि में 11 आधार अंक बढ़ा है।

First Published - March 24, 2023 | 7:44 PM IST

संबंधित पोस्ट