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कैपिटल गेन टैक्स से लेकर इनकम टैक्स और फंड एलोकेशन तक, बजट से शेयर बाजार की क्या है उम्मीदें?

इनकम टैक्स में कटौती जैसे निर्णयों से बाजार में तेजी आ सकती है जबकि यदि कोई नकारात्मक बदलाव हुआ तो बाजार में गिरावट भी देखने को मिल सकती है।

Last Updated- January 24, 2025 | 10:13 AM IST
Union Budget 2025

Stock Market Expectations from Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2025 को आम बजट पेश करेंगी। यह 2024 लोकसभा चुनावों के बाद मोदी सरकार का दूसरा बजट होगा। घरेलू आर्थिक ग्रोथ में मंदी और बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशकों की धारणा को आकार देने में बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बाजार के जानकारों का कहना है कि बजट कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) में वृद्धि देखी जाएगी। इसमें सड़क और हाईवे, रेलवे और डिफेन्स जैसे प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर वाले क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा। अगर निवेशक सरकार की नीतियों से खुश होते हैं, तो बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। जबकि अगर कोई ऐसा कोई बदलाव हुआ तो बाजार को पसंद न हो तो गिरावट भी देखी जा सकती है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में हो कटौती

ब्रोकरेज फर्म बजाज ब्रोकिंग ने बजट 2025 से अपनी विश लिस्ट में कहा कि केंद्रीय बजट 2025 को आदर्श रूप से कैपिटल मार्केट प्रोडक्ट्स पर टैक्स को आसान और रेशनलाइज बनाने पर फोकस को जारी रखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर बजट 2024 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 12.5% ​​पर रेशनलाइज किया गया था। हालांकि, अब निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए इसमें 50-200 बेसिस पॉइंट्स तक की कमी की जा सकती है।

ब्रोकरेज ने कहा कि सिक्योरिटीज लेनदेन टैक्स (STT) को कम करने और ऑलटर्नेट इन्वेस्टमेंट फंड (AIFs) के प्रावधानों को सरल बनाने से संस्थागत निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और विदेशी पोर्टफोलियो भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

ब्रोकरेज ने कहा कि बांड, स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे फाइनेंशियल साधनों के साथ-साथ एफपीआई के लिए टैक्स नियमों को सरल बनाने से जटिलताएं दूर होंगी और बाजार की तरफ उनका आकर्षण बढ़ेगा।

इनकम टैक्स में कटौती की उम्मीदें

बाजार के जानकारों के अनुसार, इनकम टैक्स में बदलाव और टैक्स में कमी या बढ़ोतरी को लेकर घोषणाएं शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकती हैं। यदि सरकार इनकम टैक्स में कटौती का ऐलान करती है तो इससे शेयर बाजार में उछाल आ सकता है।

वीएसआरके कैपिटल में डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल का कहना है कि मीडिल क्लास के टैक्स पेयर्स को राहत दी जानी चाहिए। साथ ही कारोबारों के लिए अनुपालन बोझ को कम करना महत्वपूर्ण टैक्स राहत प्रदान कर सकता है। बजट में टैक्स पेयर्स को राहत, बिजनेस अनुपालन, पर्यावरणीय स्थिरता और मजबूत फंड प्रबंधन नियमों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया जाना चाहिए।

वहीं, मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड में डायरेक्टर गुरुमीत सिंह चावला ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स के लिए मूल छूट सीमा को बढ़ा सकती है। ईवाई इंडिया ने इसे ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने का सुझाव दिया है। यह कदम खर्च करने वाली आय बढ़ा सकता है और आर्थिक ग्रोथ को सपोर्ट कर सकता है।

गुरमीत सिंह चावला ने कहा कि निवेशकों को अलग-अलग एसेट वर्गों में अधिक व्यवस्थित कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर पर उम्मीदें बांधे हुए हैं। बजट में इस पर जटिलता को कम करने और अनुपालन में सुधार की उम्मीदें है।

बजट पर शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

इनकम टैक्स में कटौती जैसे निर्णयों से बाजार में तेजी आ सकती है जबकि यदि कोई नकारात्मक बदलाव हुआ तो बाजार में गिरावट भी देखने को मिल सकती है। वहीं, बजट के दिन सेक्टर विशेष क्षेत्रों में हलचल आ सकती है। अगर बजट में सरकार ने किसी विशेष क्षेत्र या उद्योग को मदद देने की घोषणा की गई, तो उस क्षेत्र के शेयरों में हलचल हो सकती है। अगर सर्कार एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग या टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए नीतियों का ऐलान किया, तो इन क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

First Published - January 23, 2025 | 8:16 PM IST

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