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Smallcap stocks में निवेश से पहले कंपनी की असली ताकत कैसे पहचानें, जानिए हरिनी डेधिया की सलाह

कंपनी आगे बढ़ेगी या नहीं? यह बातें जानना हर निवेशक के लिए जरूरी - हरिनी डेधिया की सलाह

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- November 25, 2025 | 1:24 PM IST

तिमाही नतीजे आने के बाद कंपनियों के मुनाफे और घाटे पर तरह-तरह की बातें और खबरें आना बंद हो जाती हैं। लेकिन Tamohara Investment Managers की फंड मैनेजर हरिनी डेधिया कहती हैं कि सिर्फ पुराने आंकड़े देखकर यह नहीं समझा जा सकता कि किसी कंपनी का भविष्य कैसा होगा। पुराने रिटर्न आगे का भरोसा नहीं देते।

उनके मुताबिक, जब कोई स्मॉलकैप कंपनी में पैसा लगाता है, तो सबसे जरूरी बात यह देखना है कि क्या वह कंपनी आगे चलकर बड़ी बन सकती है और अपना बाजार बढ़ा सकती है। इसके लिए निवेशकों को वह ‘सबसे जरूरी सवाल’ पहचानना चाहिए, जो किसी कंपनी की असली ताकत और उसके बिजनेस की लंबी उम्र को दिखाता है।

B2B बिजनेस को समझने का सबसे अहम सवाल क्या है?

हरिनी डेधिया बताती हैं कि B2B कंपनियों में सफलता को परखने का सबसे महत्वपूर्ण सवाल है – ‘आपकी कंपनी बाकी कंपनियों से ज्यादा अच्छे और कम खर्च में प्रोडक्ट या सेवा कैसे बना या उपलब्ध करा पाती है?’ अगर कोई कंपनी अपने मुकाबले वालों से महंगा या कम कुशल उत्पादन करती है, तो वह आगे जाकर बड़ी कंपनी नहीं बन पाएगी। जैसे ही बाजार में थोड़ा बदलाव आता है, बाकी कंपनियां दाम घटाकर लड़ाई शुरू कर देती हैं। ऐसे में जो कंपनी काम में कमजोर होती है, वह न तो ठीक से कमाई कर पाती है और न ही बाजार में टिक पाती है।

हरिनी बताती हैं कि कंपनी की यह कुशलता दो तरीकों से आ सकती है, या तो नई तकनीक और नए तरीके अपनाकर, या फिर अच्छी इंजीनियरिंग करके, जिससे कम पैसे में ज्यादा उत्पादन हो सके। भारत में बहुत हाई-टेक इनोवेशन कम देखने को मिलता है, लेकिन अच्छी प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग की वजह से कई कंपनियां अपने कारोबार में मजबूत हो पाई हैं।

वे उदाहरण देकर बताती हैं कि दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले इंग्रीडिएंट्स बनाने वाली एक बड़ी कंपनी इसलिए आगे बढ़ पाई क्योंकि वह अपनी मशीनें खुद बनाती है। अपनी मशीनें खुद बनाने से उसका उत्पादन ज्यादा होता है और चीजें बेहतर क्वालिटी में बनती हैं। इसी वजह से वह चीनी कंपनियों से भी अच्छी तरह मुकाबला कर पाती है। उसके मुनाफे (ग्रॉस मार्जिन) में ज्यादा बदलाव नहीं होता, जो दिखाता है कि उसकी बाजार में मजबूत पकड़ है।

इसी तरह एक ओलियो-केमिकल आधारित एडिटिव्स कंपनी भी अपनी बेहतरीन इंजीनियरिंग के कारण कम खर्च में ज्यादा उत्पादन कर लेती है। इसी वजह से उसे अपने सेक्टर में काफी अच्छा रिटर्न (ROCE) मिलता है। हरिनी डेधिया कहती हैं कि कम पूंजी में बेहतर और ज्यादा उत्पादन करने की यही क्षमता इन कंपनियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत और सफल बनाती है।

B2C कंपनियों का असली पैमाना क्या है?

हरिनी डेधिया कहती हैं कि B2C कंपनियों के लिए B2B वाला सवाल बिल्कुल फिट नहीं बैठता। B2C कंपनियों की असली ताकत यह होती है कि वे अपना प्रोडक्ट दूसरों से बेहतर तरीके से बेच पाती हैं या नहीं। वह बताती हैं कि B2C बिजनेस में सिर्फ पैसा होना या अच्छा प्रोडक्ट होना काफी नहीं है। असली सफलता तब मिलती है जब कंपनी की सेल्स टीम और सामान पहुंचाने की व्यवस्था (डिस्ट्रीब्यूशन) बहुत मजबूत हो। सीधी बात यह है, जो कंपनी ग्राहकों तक जल्दी पहुंच जाती है और अपना सामान तेजी से बेच लेती है, वही आगे जाकर बड़ी बनती है।

हरिनी उदाहरण देती हैं कि पेंट इंडस्ट्री में एक बड़े भारतीय ग्रुप ने करीब 10,000 करोड़ रुपये खर्च करके बाजार में उतरने की कोशिश की, लेकिन कुछ समय बाद बाजार फिर उसी पुरानी बड़ी कंपनी की तरफ लौट आया, जिसकी पकड़ अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स और दुकानदारों पर हमेशा से बहुत मजबूत रही है। इसी तरह वह एक नई प्रोटीन ब्रांड का उदाहरण भी देती हैं, जिसने सिर्फ एक साल में 150 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री (ARR) हासिल कर ली। यह ब्रांड इसलिए तेजी से चला क्योंकि इसके पास एक मजबूत ब्रांड एंबेसडर था, सोशल मीडिया पर बड़ा प्रचार किया गया और जब विज्ञापन चला, उसी समय यह प्रोडक्ट क्विक कॉमर्स पर तुरंत खरीदने के लिए उपलब्ध भी था। इससे ग्राहकों ने तुरंत ट्रायल किया और ब्रांड तेजी से फैल गया। हरिनी डेधिया के अनुसार, B2C में वही कंपनी बड़ी बनती है जिसकी बेचने की रणनीति अलग और बेहतर हो, यानी जिसका “गो-टू-मार्केट” प्लान दूसरों से ज्यादा मजबूत हो।

क्या सिर्फ रिपोर्टेड नंबर काफी हैं?

हरिनी डेधिया कहती हैं कि ज्यादातर लोग सिर्फ कंपनियों के घोषित किए गए नंबरों को देखकर ही फैसला लेते रहते हैं। लेकिन किसी भी बिजनेस की असली समझ इन “जरूरी सवालों” से मिलती है। यानी यह समझना कि कंपनी आगे चलकर कितनी बड़ी बन सकती है और कितने समय तक टिक सकती है। उनके मुताबिक, अगर निवेशक सिर्फ आंकड़े देखने की बजाय इन सवालों पर ध्यान दें, तो उन्हें कंपनी की असली ताकत और उसके भविष्य की क्षमता का बेहतर अंदाजा लगेगा। सिर्फ नंबरों से नहीं, बल्कि बिजनेस की गहराई से समझ बन पाएगी।

First Published : November 25, 2025 | 1:24 PM IST