प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
हर साल की भांति इस साल भी करोड़ों टैक्सपेयर ITR फाइल कर चुके हैं। इसमें से अधिकतर टैक्सपेयर्स का रिफंड उनके खाते में आ चुका है, लेकिन अभी भी लाखों लोग हैं जो दिन-रात अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। पैसा कब आएगा, कहां अटका है, बैंक डिटेल सही हैं या नहीं, ऐसे सवाल टैक्सपेयर्स के मन में चलते रहते हैं।
इस बार तो काफी लोगों को रिफंड मिलने में पहले से ज्यादा समय लग रहा है, इसलिए स्टेटस चेक करना और भी जरूरी हो गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसके लिए दो आसान तरीके दिए हैं। पहला है इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल और NSDL (TIN) का रिफंड स्टेटस पेज और दूसरी NSDL (TIN) की रिफंड स्टेटस वाली साइट। दोनों जगह सिर्फ आपका PAN की मदद से आप पता लगा सकते हैं। कई बार छोटी-सी गलती, जैसे गलत IFSC कोड, बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट न होना या PAN–आधार लिंक न होना रिफंड को हफ्तों पीछे धकेल देता है।
इस बार बहुत से लोगों ने देखा है कि रिफंड आने में पहले से ज्यादा समय लग रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि रिफंड तभी जारी होता है जब रिटर्न सफलतापूर्वक ई-वेरिफाई हो जाए और उसका प्रोसेसिंग पूरा हो जाए। देरी ज्यादातर बैंक डिटेल में गड़बड़ी, वेरिफिकेशन पूरा न होने या रिटर्न में कोई तकनीकी दिक्कत की वजह से होती है। अगर आप नियमित स्टेटस चेक करते रहें तो जल्दी पता चल जाता है कि कहां दिक्कत है।
अगर आपने TDS, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए जो टैक्स पहले जमा किया है, वो आपकी असली टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है (यानी डिडक्शन और छूट लगाने के बाद कम टैक्स बनता है), तो जो अतिरिक्त पैसा जमा हुआ है, वही रिफंड के रूप में वापस मिलता है।
Also Read: टैक्स सिस्टम में होगा ऐतिहासिक बदलाव! नए इनकम टैक्स कानून के तहत ITR फॉर्म जनवरी से होंगे लागू
इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ये आसान स्टेप्स फॉलो करें:
NSDL (TIN) वेबसाइट पर रिफंड स्टेटस कैसे देखें?
ई-वेरिफिकेशन हो जाने के बाद आमतौर पर 4-5 हफ्ते में रिफंड बैंक खाते में क्रेडिट हो जाता है। अगर इस समय सीमा के अंदर पैसे नहीं आए तो डिपार्टमेंट सलाह देता है कि बैंक डिटेल, IFSC कोड, PAN-आधार लिंकेज और बैंक अकाउंट में नाम की मैचिंग एक बार जरूर चेक कर लें।