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पूर्वोत्तर भारत के यहूदियों के लिए इजरायल ने खोला दरवाजा, 2030 तक पूरी होगी ‘अलियाह’ प्रक्रिया

इजरायल की ‘जुइश एजेंसी’ ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर भारत से बेनी मेनाशे समुदाय के अलियाह (आव्रजन) को पूरा करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल को रविवार को मंजूरी दी

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भाषा   
Last Updated- November 25, 2025 | 9:42 PM IST

इजरायल सरकार ने अगले पांच वर्षों में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से शेष सभी 5,800 यहूदियों को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन यहूदियों को आमतौर पर ‘बेनी मेनाशे’ कहा जाता है। इजरायल की ‘जुइश एजेंसी’ ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर भारत से बेनी मेनाशे समुदाय के अलियाह (आव्रजन) को पूरा करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल को रविवार को मंजूरी दी।

एजेंसी ने कहा, ‘इस ऐतिहासिक निर्णय से 2030 तक इस समुदाय के लगभग 5,800 सदस्य इजरायल आएंगे। इनमें से 1,200 सदस्यों को 2026 में लाने के लिए स्वीकृति मिल गई है।’

यह पहली बार होगा जब ‘जुइश एजेंसी’ पूर्व-आव्रजन प्रक्रिया का नेतृत्व करेगी। इस योजना के लिए लगभग 9 करोड़ शेकेल (2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर) के विशेष बजट की आवश्यकता होगी, जिसे इन आप्रवासियों को लाने, धर्म संबंधी शिक्षा, आवास, हिब्रू पाठ और अन्य जरूरतों पर खर्च किया जाएगा।

आगामी दिनों में रब्बियों (धार्मिक नेताओं) का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आ सकता है। यह एक दशक में पहला और अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल होगा। यह प्रतिनिधिमंडल लगभग 3,000 बेनी मेनाशे लोगों से मिलेगा, जिनके इजरायल  में रिश्तेदार हैं।’ 

First Published : November 25, 2025 | 9:42 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)