वित्त-बीमा

उद्योग से कम रहेगी प्राइवेट बैंकों की ग्रोथ, बाजार हिस्सेदारी में लगातार दूसरे साल गिरावट की आशंका

निजी क्षेत्र के बैंकों की लोन बुक वृद्धि, समग्र बैंक ऋण वृद्धि दर से धीमी बनी हुई है

Published by
कृष्ण कांत   
Last Updated- November 25, 2025 | 11:06 PM IST

भारत के निजी क्षेत्र के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2026 में लगातार दूसरे साल घट सकती है। निजी क्षेत्र के बैंकों की लोन बुक वृद्धि, समग्र बैंक ऋण वृद्धि दर से धीमी बनी हुई है। निजी क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और ऐक्सिस बैंक आदि की कुल लोन बुक वित्त वर्ष 2025 में 8.9 फीसदी बढ़ी और वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में इसमें 9.9 फीसदी का इजाफा हुआ।

इसकी तुलना में इसी अवधि के दौरान सभी सूचीबद्ध बैंकों की कुल लोन बुक वित्त वर्ष 2025 में 11.4 फीसदी और 2026 की पहली छमाही में 11.7 फीसदी की दर से बढ़ी। यह 15 वर्षों से अधिक समय में पहली बार है जब निजी क्षेत्र के बैंकों की  ऋण वृद्धि लगातार दो साल उद्योग की कुल वृद्धि से कम रही है।

सितंबर 2025 के अंत में निजी क्षेत्र के बैंकों की कुल लोन बुक बढ़कर 77.14 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2025 के अंत में 73.56 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 के अंत में 67.53 लाख करोड़ रुपये थी। इसकी तुलना में सूचीबद्ध बैंकों की कुल लोन बुक चालू वित्त वर्ष में सितंबर के अंत तक बढ़कर 193.6 लाख करोड़ रुपये रही जो इस वर्ष मार्च के अंत में 184.66 लाख करोड़ रुपये थी।

यह विश्लेषण निजी क्षेत्र के बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और लघु वित्त बैंकों सहित 42 सूचीबद्ध बैंकों की सालाना रिपोर्ट और वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही की वित्तीय रिपोर्ट पर आधारित है। चालू वित्त वर्ष में सितंबर के अंत में सभी बैंकों की कुल लोन बुक 193.6 लाख करोड़ रुपये रही। 3 अक्टूबर, 2025 के अंत तक बैंक की कुल लोन बुक बढ़कर 192.7 लाख करोड़ रुपये रही।

इसके परिणामस्वरूप कुल बैंक ऋण बाजार में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी घट गई है। बैंक की कुल लोन बुक में निजी क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों की हिस्सेदारी इस वर्ष सितंबर के अंत में घटकर लगभग 39.8 फीसदी रही जो मार्च 2024 के अंत में लगभग 40.8 फीसदी थी। मार्च 2014 के अंत में निजी क्षेत्र के बैंकों की कुल लोन बुक में हिस्सेदारी 23.5 फीसदी थी जो मार्च 2020 में बढ़कर 38.1 फीसदी हो गई थी। हालांकि बीते वर्षों में निजी क्षेत्र के बैंकों ऋण वृद्धि के लिए जूझना पड़ा है।

निजी क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों की कुल लोन बुक वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2025 के बीच 15.8 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ी जो वित्त वर्ष 2015 और वित्त वर्ष 2020 के बीच 16 फीसदी वृद्धि से धीमी है। तुलनात्मक रूप से बैंकों की कुल लोन बुक वित्त वर्ष 2015 से 2020 के दौरान 6.4 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ी थी जबकि वित्त वर्ष 2020 से 2025 के दौरान 14.7 फीसदी की मजबूत वृद्धि देखी गई।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अगुआई में बैंकों की कुल ऋण वृद्धि में तेजी आई। वित्त वर्ष 2020-25 के दौरान बैंकों की कुल लोन बुक सालाना 13.9 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ी जबकि वित्त वर्ष 2015-20 के दौरान यह महज 2 फीसदी बढ़ी थी।

यह उनकी आय और मुनाफे में भी दिखा। बैंकों की सकल ब्याज आय में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 41.5 फीसदी रह गई, जो वित्त वर्ष 2025 में 41.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 में रिकॉर्ड उच्च 42.4 फीसदी थी।

सभी सूचीबद्ध बैंकों के मुनाफे में निजी क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में घटकर 49.8 फीसदी रह गई, जो वित्त वर्ष 2025 में 50.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 में 80.2 फीसदी थी।

बैंकों के कुल मुनाफे में सार्वजनिक क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में बढ़कर 49.9 फीसदी हो गई, जो वित्त वर्ष 2025 में 46.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 में 28 फीसदी थी।

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में शोध एवं इ​क्विटी स्ट्रैटजी के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘2023 में एचडीएफसी के साथ विलय के बाद एचडीएफसी बैंक अपनी लोन बुक का विस्तार करने के बजाय एकीकरण और अपने जमा आधार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इससे निजी क्षेत्र के कुल विकास पर असर पड़ा है क्योंकि इसकी बाजार हिस्सेदारी काफी ज्यादा है।’

इस वर्ष मार्च के अंत में सभी सूचीबद्ध निजी बैंकों की कुल लोन बुक में एचडीएफसी बैंक का हिस्सा 35.6 फीसदी था। एचडीएफसी बैंक की कुल लोन बुक वित्त वर्ष 2025 में केवल 5.4 फीसदी बढ़ी जो हमारे नमूने में शामिल सभी 42 सूचीबद्ध बैंकों की कुल लोन वृद्धि दर से आधी से भी कम है।

हालांकि एचडीएफसी बैंक के अलावा इंडसइंड बैंक, ऐक्सिस बैंक, येस बैंक, कर्नाटक बैंक और बंधन बैंक ने भी वित्त वर्ष 2025 में उद्योग की वृद्धि दर से कम दर पर अपनी लोन बुक में वृद्धि की। विश्लेषकों को उम्मीद है कि आगे एचडीएफसी बैंक की लोन बुक में तेजी आ सकती है जिससे निजी क्षेत्र पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

First Published : November 25, 2025 | 10:52 PM IST