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जीएसटी से वृद्धि को बल, निजी निवेश को दम: एचडीएफसी

2024-25 में बैंक ने अपना ऋण खाता बैंकिंग प्रणाली में प्रचलित चाल की तुलना में धीमी गति से बढ़ाया और अपना जमा आधार मजबूत करने पर ध्यान दिया।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- November 25, 2025 | 9:52 AM IST

देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन ने नॉन-डील रोडशो (एनडीआर) के दौरान निवेशकों को बताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में संशोधन के बाद उन्हें अर्थव्यवस्था की चाल मजबूत होती दिख रही है।

बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन ने यह भी कहा कि निजी पूंजीगत व्यय में तेजी के भी शुरुआती संकेत साफ दिख रहे हैं क्योंकि क्षमता इस्तेमाल का स्तर लगातार सुधर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में यह लंबे समय से 70 फीसदी के दायरे में रहने के बाद 80 फीसदी के पार चला गया है।

बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन ने वित्त वर्ष 2026-27 (वित्त वर्ष 2027) के लिए ऋण वृद्धि का अनुमान भी बरकरार रखा है। उन्होंने कहा है कि एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय के समय 110 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके ऋण-जमा (सीडी) अनुपात को कम करने के लिए लगभग दो वर्षों तक ऋण आवंटन समायोजित करने के बाद बैंक अपना ऋण खाता बैंकिंग प्रणाली के मुकाबले अधिक तेजी से आगे बढ़ाएगा।

वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक ने अपना ऋण खाता बैंकिंग प्रणाली में प्रचलित चाल की तुलना में धीमी गति से बढ़ाया और अपना जमा आधार मजबूत करने पर ध्यान दिया। वित्त वर्ष 2026 में बैंक ने अनुमान जताया है कि वह बैंकिंग प्रणाली में ऋण वृद्धि के अनुरूप ही ऋण आवंटन की रफ्तार तेज करेगा।

मैक्वेरी कैपिटल ने अपनी एक रिपोर्ट में बैंक प्रबंधन की टिप्पणी का जिक्र किया है।

वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के बाद बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन ने कहा था कि कर लाभ, जीएसटी में कमी और ब्याज दर में कटौती इन तीनों बातों का सकारात्मक असर हुआ है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां ग्राहक और उत्पाद क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से बेहतर दिख रही थीं।

जगदीशन ने मध्य अक्टूबर में कहा था, ‘इस तरह हमारे पास ऋण वृद्धि में तेजी लाने का मौका है और हमने इस तिमाही से ऐसा करना शुरू भी कर दिया है। हमें विश्वास है कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा लेकिन यह भी सच है कि हमें इंतजार करना होगा और हालात पर नजर बनाए रखनी होगी।’

इस साल सितंबर में जीएसटी परिषद ने देश में खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिकांश उत्पादों एवं सेवाओं पर जीएसटी दरों में संशोधन किए थे। पूर्व में प्रचलित जीएसटी दरों से अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पा रही थी।

बैंक प्रबंधन ने कहा है कि पूर्ववर्ती एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा आवंटित ऋण के बाद अब उसकी जगह जमा रकम हासिल करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में 100 आधार अंक की कटौती के कारण अगली चार तिमाहियों में जमा दरें नीचे खिसकाई जा रही हैं। मैक्वेरी कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे आने वाले समय में बैंक के मार्जिन में सुधार हो सकता है।

एचडीएफसी बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (बैंकों की मुनाफा कमाने की क्षमता मापने का जरिया) वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 3.3 फीसदी था जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 3.5 फीसदी और पिछली तिमाही में 3.4 फीसदी रहा था।

इस बीच, मैक्वेरी की रिपोर्ट के अनुसार बैंक के प्रबंधन ने यह भी अनुमान जताया है कि बैंक का ऋण-जमा अनुपात (जो बैंक के ऋण खाते के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही थी) 90 फीसदी से थोड़ा ऊपर रहेगा और यह भी जरूरी नहीं कि यह 90 फीसदी से नीचे आए। बैंक का सीडी अनुपात अनुपात 110 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था और तब से वह अपनी ऋण वृद्धि का गणित दुरुस्त कर सीडी अनुपात में कमी ला रहा है।

First Published : November 25, 2025 | 9:52 AM IST