Infosys share buyback: आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के पुनर्खरीद कार्यक्रम में निवेशकों ने 50 करोड़ से ज्यादा शेयर सौंपे हैं। बीएसई की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार सौंपे गए शेयर पेशकश के आकार से 5 गुना ज्यादा हैं। 18,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद गुरुवार को शुरू हुई और बुधवार को बंद होगी।
नवीनतम पुनर्खरीद कार्यक्रम के तहत कंपनी 1,800 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 10 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद कर रही है। इन्फोसिस के शेयर 1.3 फीसदी की गिरावट के साथ 1,530 रुपये पर बंद हुए।
पुनर्खरीद की शर्तों के तहत छोटे शेयरधारक रिकॉर्ड तिथि पर अपने हर 11 इक्विटी शेयरों पर 2 इक्विटी शेयर सौंपने के पात्र होंगे। सामान्य श्रेणी के अन्य सभी पात्र शेयरधारकों के लिए यह अधिकार उनके प्रत्येक 706 इक्विटी शेयरों पर 17 इक्विटी शेयरों का होगा।
लेकिन स्वीकार्यता अनुपात अलग हो सकता है क्योंकि धनाढ्य निवेशक कर संबंधी कारणों से इससे बाहर रहने का विकल्प चुन सकते हैं।
नारायण मूर्ति और चेयरमैन नंदन नीलेकणि सहित आईटी की इस दिग्गज कंपनी के प्रवर्तकों ने पहले कहा था कि वे पुनर्खरीद प्रक्रिया में अपने शेयर नहीं बेचेंगे। शेयरधारकों को मिलने वाली पुनर्खरीद राशि को लाभांश माना जाएगा और उस पर स्लैब दरों के आधार पर कर लगेगा।
कंपनी द्वारा वापस खरीदे गए शेयरों की लागत को पूंजीगत हानि माना जाएगा, जिसकी भरपाई किसी अन्य पूंजीगत लाभ से की जा सकती है।
अगर चालू वर्ष में हानि की भरपाई के लिए पर्याप्त पूंजीगत लाभ नहीं है तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है तथा आगामी वर्षों में पूंजीगत लाभ के बदले इसकी भरपाई की जा सकती है, जो अधिकतम आठ वर्षों तक की जा सकती है।