विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और अफगानिस्तान ने अपने-अपने दूतावासों में वाणिज्यिक प्रतिनिधि भेजने और ‘संयुक्त वाणिज्य और उद्योग मंडल’ को संस्थागत रूप देने का फैसला किया है। यह निर्णय अफगान उद्योग और वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी की 19 से 25 नवंबर तक की भारत यात्रा के दौरान लिया गया। अपनी यात्रा के दौरान अज़ीज़ी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि अज़ीज़ी की यात्रा ने व्यापार, अर्थव्यवस्था और निवेश में द्विपक्षीय जुड़ाव और सहयोग को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत इस आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ अज़ीज़ी की यात्रा बीते अक्टूबर में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के सप्ताह भर के दौरे के बाद हुई है। मुत्तकी के दौरे के बाद भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास में बदल दिया।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए उत्सुक है। उसने भारतीय कंपनियों को वहां खनन परियोजनाएं शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है। इसने अफगानिस्तान में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों को पांच साल तक कर छूट का भी प्रस्ताव दिया है।
अज़ीज़ी और गोयल ने व्यापार सुविधा, बाजार पहुंच, संपर्क और क्षमता निर्माण से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। दोनों ने काबुल-दिल्ली और काबुल-अमृतसर सेक्टरों पर एयर फ्रेट कॉरिडोर शुरू करने का भी ऐलान किया। उन्होंने व्यापार, वाणिज्य और निवेश पर भारत-अफगानिस्तान संयुक्त कार्य समूह को दोबारा सक्रिय करने का भी स्वागत किया और खनन तथा अन्य उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों का पता लगाने पर सहमति जताई।
अज़ीज़ी ने भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का भी दौरा किया, जहां कई अफगान व्यापारियों ने स्टॉल लगाए हैं। अफगान प्रतिनिधिमंडल ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, मैनमेड ऐंड टेक्निकल टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया और फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ बैठकें कीं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान को कृषि उत्पादों, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दीर्घकालिक आपूर्ति के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया। भारत और अफगानिस्तान ने पिछले कुछ महीनों के दौरान अपने संबंधों को पुन: मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।