दिवीज लैबोरेटरीज का सितंबर तिमाही में प्रदर्शन विश्लेषकों के अनुमान के अनुरूप नहीं रहा। बढ़ती उत्पादन लागत, इन्वेंट्री से संबंधित नुकसान और मूल्य निर्धारण दबाव से सकल मार्जिन में गिरावट को बढ़ावा
मिला। ऊंचे प्रतिस्पर्धी दबाव से वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के लिए भी परिचालन मुनाफा मार्जिन और आय अनुमानों में कटौती को बढ़ावा मिला है। कई ब्रोकरों ने मूल्यांकन को देखते हुए इस शेयर पर अपनी रेटिंग ‘तटस्थ’ या ‘घटाएं’ कर दी है।
कंपनी का कुल राजस्व एक साल पहले के मुकाबले महज 2.2 प्रतिशत बढ़ा, क्योंकि उसे कस्टम सिंथेसिस (सीएस) सेगमेंट में कमजोरी का सामना करना पड़ा। सीएस सेगमेंट में 4 प्रतिशत की गिरावट आई। कंपनी का जेनेरिक व्यवसाय दो अंक की बिक्री वृद्धि की मदद से 5 प्रतिशत बढ़ा।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना है कि मौजूदा उत्पादों के लिए समेकन के अलावा, कंपनी एक ऐसा पोर्टफोलियो भी तैयार कर रही है, जिसमें ऐसे उत्पाद शामिल हैं जिनकी पेटेंट अवधि अगले 2-3 साल में समाप्त हो रही है। वित्त वर्ष 2023-26 में जिन दवाओं का पेटेंट समाप्त हो रहा है, उनका आकार 20 अरब डॉलर पर अनुमानित है। सीएस सेगमेंट में गिरावट कोविड-19 (मोल्नुपिराविर) की बिक्री नहीं होने के कारण दर्ज की गई थी, लेकिन इस वृद्धि को छोड़कर, यह सालाना आधार पर 48 प्रतिशत थी।
यह वृद्धि मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप की दवा सैक्यूबिट्रिल और कंट्रास्ट मीडिया की बढ़ती बिक्री से जुड़ी हुई थी। कंपनी ने तीसरी तिमाही से शुरू होने वाले कंट्रास्ट मीडिया उत्पादों में बड़ा सुधार आने का अनुमान जताया है और 5 अरब डॉलर के वैश्विक लक्षित बाजार के साथ कंट्रास्ट मीडिया उत्पादों का ऑर्डर प्रवाह तैयार किया है।
फिलिपकैपिटल रिसर्च का कहना है कि इससे कंपनी को अल्पावधि से मध्यावधि विकास संभावनाएं बढ़ेंगी। मुनाफे के मोर्चे पर, परिचालन मुनाफा मार्जिन कम सकल मार्जिन और ऊंची कर्मचारी लागत के साथ साथ अन्य खर्चों की वजह से 740 आधार अंक यानी 7.40 प्रतिशत घटकर 26.1 प्रतिशत रह गया।
आईआईएफएल रिसर्च ने भविष्य में मार्जिन दबाव बने रहने का अनुमान जताया है। वृद्धि का ज्यादातर हिस्सा कंट्रास्ट मीडिया सेगमेंट और जेनेरिक ड्रग मास्टर फाइल्स से जुड़ा होने से दिवीज का मार्जिन दबाव में बना रह सकता है और यह ऐतिहासिक स्तरों से नीचे आ सकता है, क्योंकि ये सेगमेंट मुख्य तौर पर सीएस सेगमेंट के मुकाबले कम मार्जिन वाले व्यवसाय रहे हैं।
आईआईएफएल रिसर्च के विश्लेषकों राहुल जीवनी और नमन बगरेचा ने कंपनी के लिए अपने वित्त वर्ष 2024-26 के परिचालन मुनाफा अनुमान 2-9 प्रतिशत तक घटा दिए हैं और ‘घटाएं’ रेटिंग बरकरार रखी है।
प्रभुदास लीलाधर रिसर्च ने भी इस शेयर पर ‘घटाएं’ रेटिंग दी है, क्योंकि उसे सुधार धीरे धीरे आने और अल्पावधि वृद्धि की राह सुस्त रहने का अनुमान है। जहां परिचालन और शुद्ध लाभ वृद्धि सालाना आधार पर 14-16 प्रतिशत रहने की संभावना है, वहीं शेयर का मूल्यांकन फिलहाल महंगा दिख रहा है।