विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर ICICI बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र में अपनी हैसियत मजबूत की है। जून तिमाही में प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले ऋणदाता के प्रदर्शन की सराहना करते हुए विश्लेषकों ने इस शेयर के लिए 1,150 रुपये से 1,350 रुपये के बीच कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है। इस कीमत लक्ष्य से अगले एक साल के दौरान इस शेयर में 36 प्रतिशत तक की संभावित तेजी आने का संकेत मिलता है।
ICICI बैंक के शेयर ने BSE पर दिन के कारोबार में 1,009 रुपये का नया ऊंचा स्तर बनाया, लेकिन आखिर में 0.5 प्रतिशत नरम पड़कर 992 रुपये पर बंद हुआ। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स में 0.45 प्रतिशत, जबकि बैंकेक्स में 0.55 प्रतिशत की गिरावट आई।
जून तिमाही में बैंक ने जमाओं में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की, जबकि पूर्ववर्ती चार तिमाहियों में यह रफ्तार सुस्त बनी हुई थी। ICICI बैंक की तिमाही नतीजों के बारे में यहां प्रमुख ब्रोकरों के विचार पेश किए जा रहे हैं:
2.6 गुना के एक वर्षीय बुक वैल्यू प्रति शेयर (बीवीपीएस) के साथ ICICI बैंक अपने 10 वर्षीय औसत के मुकाबले 60 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है। हमें पूंजी पर प्रतिफल (आरओई, वित्त वर्ष 2024-26 में 18 प्रतिशत से ऊपर अनुमानित है) और ईपीएस को लेकर स्पष्टता की वजह से मौजूदा प्रदर्शन बरकरार रहने की संभावना है।
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जमा वृद्धि सालाना आधार पर सुधरकर 18 प्रतिशत रही, जो 9 तिमाहियों में सर्वाधिक है। वहीं तिमाही आधार पर यह 5 प्रतिशत रही। हमारा मानना है कि जमा वृद्धि में तेजी के साथ बैंक अपनी ऋण वृद्धि में सफल रहेगा, भले ही एनआईएम पर कुछ दबाव बढ़ सकता है।
प्रबंधन ने कहा है कि कोष की लागत बढ़ेगी, लेकिन इस वृद्धि की मात्रा की जानकारी नहीं दी है। परिचालन खर्च वृद्धि ऊंची बनी रहेगी, क्योंकि बैंक लगातार कर्मियों को शामिल कर रहा है और डिजिटल में निवेश कर रहा है। हमारा मानना है कि ICICI की आय पिछली 14 तिमाहियों की तरह आगे भी क्षेत्र के मुकाबले मजबूत बनी रहेगी।
ICICI बैंक पिछली कुछ तिमाहियों से 2.4 प्रतिशत का मजबूत आरओए दर्ज कर रहा है। ICICI बैंक के लिए असुरक्षित उत्पादों की भागीदारी 13 प्रतिशत (एचडीफसी बैंक के लिए 16.5 प्रतिशत की तुलना में) है और हमें इसके और बढ़ने का अनुमान है।
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जहां बैंक की फंडिंग लागत बढ़ने का अनुमान है, वहीं मार्जिन पर भी दबाव पड़ सकता है। हमारा मानना है कि परिसंपत्ति प्रतिफल ऊंची असुरक्षित वृद्धि और बॉन्ड पोर्टफोलियो में बदलाव की वजह से सुरक्षित हो सकता है। इसलिए हमने वित्त वर्ष 2024/25 के लिए एनआईएम का अपना अनुमान 15/11 आधार अंक तक बढ़ा दिया है।
हमने बेहतर मार्जिन/शुल्कों और कम ऋण नुकसान प्रावधान की वजह से वित्त वर्ष 2024-26 के लिए अपने आय अनुमान 3-7 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं। बैंकिंग क्षेत्र में ICICI बैंक शानदार प्रतिफल, मजबूत प्रबंधन साख को देखते हुए हमारा पसंदीदा शेयर बना हुआ है।
ICICI बैंक को परिचालन दक्षता के साथ मौजूदा आरओए रफ्तार बनाए रखने में मदद मिल सकती है। लेकिन इस पर एनआईएम में नरमी और ऋण लागत सामान्य होने का असर दिख सकता है। निरंतर प्रदर्शन और गुणवत्तायुक्त आय के आधार पर रेटिंग में बदलाव धीरे धीरे हो सकता है।
बैंक की राह में अल्पावधि चुनौतियां बनी हुई हैं। एनआईएम में कमी आ सकती है, लेकिन कमी की रफ्तार शायद अनुमान के मुकाबले कम रह सकता है। प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिससे ऋण वृद्धि में अब बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं दिख रही है।