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दिल्ली हवाईअड्डे पर भीड़ घटाने को हरकत में आया मंत्रालय

Last Updated- December 12, 2022 | 11:27 PM IST
Jyotiraditya Scindia

दिल्ली हवाईअड्डे के गेट पर भीड़भाड़ होना और सुरक्षा लेन का ठसाठस भरा रहना अब आम दृश्य है। गुस्से से भरे ट्वीट भी बेहद आम हो गए हैं। हवाई यात्रा में वृद्धि (लगातार नौ दिनों से हवाई यात्रियों की तादाद 400,000 से ऊपर रही है) ने देश के सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के बुनियादी ढांचे पर दबाव डाला है। ऐसे में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को व्यस्ततम समय वाली उड़ानें कम करने और उसमें थोड़ा बदलाव लाने का आदेश देना पड़ा है। हवाईअड्डे पर रोजाना 1100 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज स्थिति का जायजा लिया और भीड़ घटाने के उपाय करने के लिए हवाईअड्डे तथा विमानन कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत की। हवाईअड्डे में प्रवेश करने, चेक-इन एरिया, सुरक्षा जांच और व्यस्ततम समय वाली उड़ानों को कम करने (सुबह 5 बजे से 9 बजे) तथा उन्हें टर्मिनल टी3 से टी2 और टी1 में भेजने के लिए पांच-सूत्री योजना बनाई जा रही है।

रविवार को घरेलू विमानन कंपनियों की उड़ानों में 427,000 से अधिक यात्री थे और मई 2020 के उपरांत उड़ान शुरू होने के बाद यह सबसे अधिक संख्या है। ये आंकड़े फरवरी 2020 और दिसंबर 2019 की औसत रोजाना संख्या से भी अधिक हैं।

दिसंबर 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर रोजाना लगभग 2 लाख यात्रियों (आने और जाने वाले कुल यात्री) को संभाला जा रहा था। दिसंबर के पहले सात दिनों में इस हवाईअड्डे पर रोजाना औसतन 1,95,775 यात्रियों के लिए इंतजाम किए जा रहे थे। 

अगर हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या कमोबेश समान है तो आखिर बदला क्या है? एक सूत्र के अनुसार पहले के वर्षों की तुलना में सुरक्षा जांच में हरेक यात्री के लिए इस्तेमाल हो रही ट्रे की संख्या काफी अधिक है। हालांकि उन्होंने इससे जुड़ा कोई आंकड़ा नहीं दिया।

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही  यात्री कोट, जैकेट, शॉल ले जाते हैं, जिन्हें सुरक्षा जांच से पहले हटाना होता है। ऐसा हर सर्दी के मौसम में होता है। लेकिन इस साल जरूरी ट्रे की संख्या अधिक हैं और इस तरह मशीनों की मदद के जरिये यात्री बैग को आगे ले जाने की दर धीमी रही है। उनका कहना है, ‘सुरक्षा जांच की जगह काफी भीड़ इकट्ठा हो जाती है।’

इस तरह की दिक्कत दूर करने के लिए टी3 के घरेलू प्रस्थान क्षेत्र में अतिरिक्त एक्स-रे मशीनें लगाई जा रही हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने आज कहा, ‘सामान की जांच के लिए अतिरिक्त स्वचालित ट्रे रिट्रीवल मशीनें लगाई जाएंगी। कोविड-19 से पहले हमारे पास 13 एटीआरएस मशीनें थीं। पिछले कुछ दिनों में यह संख्या बढ़ाकर 16 (10 एटीआरएस और छह पारंपरिक एक्स-रे मशीन) कर दी गई है। इसे जल्द ही बढ़ाकर 17 और बाद में 20 कर दिया जाएगा।’

विमानन क्षेत्र से जुड़े मसलों के ब्लॉग नेटवर्क थॉट्स के संस्थापक अमेय जोशी के अनुसार रोजाना 4 लाख से अधिक यात्रियों की तादाद देखी जा रही है मगर उड़ानों की संख्या कम है, जो महामारी से पहले की तुलना में बहुत अधिक भार का संकेत देती हैं। देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो भी अब अधिक संख्या में 232 सीटों वाले एयरबस ए321 विमान का संचालन कर रही है।

टी1 पर विस्तार से जुड़े कामों के कारण पहले टी1 से संचालित होने वाली उड़ानों को भी टी3 में भेज दिया गया है। दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने कहा कि व्यस्ततम समय वाली उड़ानों की संख्या को महामारी से पहले की 22 उड़ानों से घटाकर नवंबर में 19 कर दिया गया है।

विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि उड़ानों को कम करने और टी3 से अन्य टर्मिनलों पर सेवाएं स्थानांतरित करने पर हवाईअड्डा परिचालक के साथ चर्चा चल रही है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना है कि हवाई यात्रियों पर इसका कम से कम प्रभाव पड़े क्योंकि दिल्ली में कनेक्टिंग विमानों के लिए भी भीड़ होती है। अधिकारी ने कहा, ‘हम समस्याओं को एक हवाईअड्डे से दूसरे हवाईअड्डे पर स्थानांतरित नहीं करना चाहते हैं।’

First Published - December 12, 2022 | 11:18 PM IST

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