सर्दी का मौसम शुरू होते ही देश में कोविड महामारी दोबारा सिर उठा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार गुरुवार को देश में 358 नए मामले दर्ज किए गए और संक्रमण से छह लोगों की मौत हुई। इसी के साथ देशभर में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,669 हो गई है। इसे देखते हुए राज्यों ने निगरानी और जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों से एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा था।
केरल में कोविड सबसे तेजी से फैल रहा है, जहां 300 नए मामले आए और तीन लोगों की मौत हुई। गुरुवार तक केरल में सक्रिय मामलों की संख्या 2,341 पहुंच गई। यह देश के कुल मामलों का 87 फीसदी है। केरल सरकार या वहां के राज्य स्वास्थ्य विभाग ने जिलेवार आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं।
कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने एवं पीडि़तों को समय पर उपयुक्त इलाज मुहैया कराने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी को कैबिनेट की उपसमिति बनाने की घोषणा की गई है।
यह समिति विशेषज्ञों के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी। कर्नाटक में इस समय 92 सक्रिय मामले हैं और यह देश में सबसे अधिक सक्रिय मामलों वाला दूसरा राज्य है। यहां गुरुवार को 13 नए केस आए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड से दो लोगों की मौत भी हुई है।
पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में कुल सक्रिय 92 मामलों में से 80 अकेले बेंगलुरु शहरी जिले में दर्ज किए गए। इनमें 72 लोगों को घर पर ही अलग रखा गया है और 20 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है, जिनमें सात आईसीयू में हैं।
उन्होंने बताया कि इन सात लोगों को कोविड के अलावा अन्य बीमारियां भी हैं। सिद्धारमैया ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रति दिन 5000 कोविड टेस्ट करने का निर्णय लिया है। इनमें 1,500 रेपिड एंटीजन और 3,500 आरटी-पीसीआर टेस्ट होंगे।
यह फैसला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जारी दिशा-निर्देशों के बाद लिया गया है। केंद्र ने कहा है कि केरल में कोविड के सब-वेरिएंट जेन.1 का मामला मिलने के बाद राज्य कोविड जांच और निगरानी जैसे एहतियाती उपाय बढ़ाएं।
देश के 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड का एक भी सक्रिय केस नहीं है। मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सक्रिय मामला मिला है।
एयरपोर्ट पर कोविड जांच अनिवार्य करने के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है।