विदेशों में बनने और उसके बाद अमेरिका जाने वाली फिल्मों पर 100 फीसदी टैरिफ लागू करने की अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की घोषणा पर भारतीय फिल्म उद्योग ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ का मानना है कि यह सिने जगत को बड़ा वित्तीय झटका साबित होगा, वहीं कुछ अन्य मानते हैं कि इससे फिल्म उद्योग कुछ खास प्रभावित नहीं होगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने सिने उद्योग के जिन कारोबारियों से बात की उन्होंने कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि टैरिफ किस तरह लागू किया जाएगा इसके लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं है। अब तक अमेरिकी सरकार ने यह नहीं बताया है कि क्या यह टैरिफ स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर लागू फिल्मों पर भी लागू होगा। ट्रंप की घोषणा ऐसे समय पर आई है जब हिंदुस्तानी सिने जगत घरेलू बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष कर रहा है और सिनेमा घर में अधिक दर्शक जुटाने के लिए जूझ रहा है।
प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट और समूह मुख्य कार्याधिकारी शिवाशिष सरकार ने कहा, ‘घोषणा की जा चुकी है और अगर यह लागू होती है तो मैं पहला प्रभाव अमेरिकी बाजार में हमारी फिल्मों के थिएटर कारोबार पर देखता हूं। अमेरिकी बॉक्स ऑफिस पर भारतीय फिल्में करीब 10 करोड़ डॉलर का कारोबार करती हैं। अगर यह टैरिफ लागू होता है तो प्रदर्शक टिकट की कीमत बढ़ाएंगे और फिल्में दर्शकों के लिए महंगी हो जाएंगी। इससे दर्शकों की तादाद में भी कमी आ सकती है। अगर वे कीमत का बोझ खुद वहन करना चाहते हैं तो वे निर्माताओं पर बोझ डालेंगे इससे उनकी हिस्सेदारी में कमी आएगी।’ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय फिल्मों के राजस्व पर नकारात्मक असर होगा।
फिल्म कारोबार विश्लेषक गिरीश वानखेड़े ने कहा कि यह टैरिफ फिल्म उद्योग पर बड़ा वित्तीय दबाव बनाएगा। वानखेड़े ने कहा कि 2024 में अमेरिकी बाजार ने भारतीय फिल्मों के बॉक्स ऑफिस संग्रह में 600 से 800 करोड़ रुपये का योगदान किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन टैरिफ की बदौलत अमेरिका में भारतीय फिल्मों की रिलीज भी कम हो सकती है और थिएटर में दर्शकों की तादाद भी घट सकती है। बहरहाल, छोटे और स्वतंत्र फिल्मकारों और निर्माताओं पर अधिक असर होगा क्योंकि बड़े फिल्म निर्माण गृह वितरण की बढ़ी हुई लागत को वहन कर सकते हैं।
सनशाइन पिक्चर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक विपुल शाह ने कहा कि अमेरिका भारतीय फिल्मों के लिए पारंपरिक रूप से महत्त्वपूर्ण बाजार रहा है और लगता नहीं कि 100 फीसदी का टैरिफ बहुत अधिक प्रभाव डालेगा। शाह ने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग के पास मजबूत घरेलू दर्शक हैं और वह विविध अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर ध्यान देता रहा है। यह घटना निर्माताओं को वैकल्पिक वितरण रणनीतियां और बाजार तलाशने का अवसर देगी ताकि अमेरिकी टैरिफ का असर कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि निवेश पर इसका तात्कालिक असर अमेरिकी फिल्मों के रिलीज को लेकर निवेश रणनीतियों के नए सिरे से आकलन के रूप में सामने आ सकता है।