दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक जनहित याचिका का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि व्हाट्सऐप को नई निजता नीति लागू करने से रोका जाना चाहिए। यह नई नीति अतीत में भारत तथा अन्य देशों में काफी विवादास्पद रह चुकी है।
अपनी याचिका में केंद्र सरकार ने कहा कि ‘व्हाट्सऐप को चार जनवरी 2021 और 8 फरवरी 2021 को जारी अथवा माननीय न्यायालय के समक्ष सुनवाई के अधीन और भविष्य की किसी तिथि से लागू होने वाली नई निजता नीति तथा सेवा शर्तों को लागू करने से रोका जाना चाहिए।’
व्हाट्सऐप ने अपने उपयोगकर्ताओं से कहा था कि वे 8 फरवरी तक निजता नीति के अपडेट की समीक्षा कर उसे स्वीकार कर लें। अपडेट को इस प्रकार तैयार किया गया था कि उपयोकर्ताओं को यह लगा कि उनकी जानकारियां असुरक्षित हैं। निजता के हनन की आशंका के चलते बड़ी तादाद में लोगों ने व्हाट्सऐप से दूरी बना ली। बाद में व्हाट्सऐप ने नई निजता नीति को लागू करने की तारीख बढ़ाकर 15 मई कर दी। इससे पहले कंपनी ने कहा था कि नया अपडेट केवल उपयोगकर्ताओं के बिजनेस अकाउंट को प्रभावित करेगा। याचिका में आगे कहा गया कि केंद्र सरकार निजी डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। यह भी कहा गया कि एक बार इस कानून के बन जाने के बाद डेटा संरक्षण काफी मजबूत हो जाएगा और तब व्हाट्सऐप जैसी कंपनियों की प्राइवेसी पॉलिसी जारी करने की क्षमता सीमित हो जाएगी और तब वे ऐसी निजता नीति नहीं ला सकेंगी।
