facebookmetapixel
Fiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्जसर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूर

मीशो के ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग पर रोक का आदेश

Last Updated- December 11, 2022 | 5:21 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में मीशो को ‘जाने-माने चिह्न’ के रूप में मान्यता देते हुए नकली वेबसाइटों को पंजीकृत करके धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल गलत काम करने वालों को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं। सॉफ्टबैंक समर्थित मीशो ने कहा कि अदालत ने डोमेन नाम का पंजीकरण करने वालों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनकी सेवाओं का उपयोग करते हुए जाने-माने चिह्न ‘मीशो’ वाली कोई अन्य फर्जी वेबसाइट पंजीकृत न हों।
फैशनियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (मीशो) द्वारा दायर एक मुकदमे में यह आदेश जारी किया गया था, जिसमें उन धूर्त वेबसाइटों पर स्थायी रोक की मांग की गई थी, जो आम जनता के सीधे-सादे लोगों को धोखा देने और ठगने के लिए मीशो के ट्रेडमार्क और/या कॉपीराइट का उपयोग कर रही थीं।
मीशो ने कहा कि यह ‘जॉन डो’ ऑर्डर ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने और ग्राहकों के हितों तथा सुरक्षा को और अधिक सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। जॉन डो ऑर्डर या ‘अशोक कुमार आदेश’ अज्ञात या अनाम अपराधियों के खिलाफ एक पक्षीय निषेधाज्ञा होती और इसका इसका प्रयोग सृजनकर्ता के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिए किया जाता है।
आदेश में कहा गया है कि मीशो द्वारा पहचानी गई उल्लंघन करने वाली वेबसाइटों को 48 घंटे के भीतर सभी संबंधित डोमेन नेम रजिस्ट्रार (डीएनआर) द्वारा अवरुद्ध/निलंबित किया जाए।

First Published - July 23, 2022 | 2:08 AM IST

संबंधित पोस्ट