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पावर एक्सचेंज ट्रेडिंग सुधार का आया प्रस्ताव

Last Updated- December 12, 2022 | 5:58 AM IST

दीर्घावधि बिजली खरीद अप्रयुक्त होने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने लघु अवधि की बिजली खरीद बिक्री के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय ने विद्युत एक्सचेंजों में एकीकृत डे-अहेड मार्केट (डीएएम) का प्रस्ताव दिया है जो स्वच्छ और परंपरागत ऊर्जा की ट्रेडिंग को मिश्रित करेगा, कीमत खोज को बेहतर बनाएगा और विद्युत उत्पादकों को किए जाने वाले भुगतान में सुधार लाएगा।
भविष्य में मंत्रालय सभी विद्युत एक्सचेंजों के डीएएम को एक इकाई में विलय करने पर विचार भी विचार कर रहा है जो अक्षय ऊर्जा और परंपरागत ऊर्जा दोनों के लिए एक दिन पूर्व की बोलियों के कारोबार पर निगरानी रखेगी। अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल के लिए हालांकि, एकीकृत डीएएम को बिना इस विलय के शुरू करने की योजना बन रही है।
प्रस्तावों में मंत्रालय ने कहा कि सभी मौजूदा डीएएम को एकीकृत किया जाना चाहिए जिसमें अक्षय ऊर्जा और परंपरागत ऊर्जा के लिए अलग अलग कीमत निर्धारण होना चाहिए। भागीदारों को अक्षय ऊर्जा और परंपरागत ऊर्जा की खरीद या बिक्री के लिए बोली बताने की अनुमति होगी।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब देश में अक्षय ऊर्जा को खरीदारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग के अनुमानों के मुताबिक फिलहाल 19 गीगावॉट की ऐसी परियोजनाएं हैं जिनका कोई दीर्घावधि विद्युत खरीद समझौता नहीं हुआ है। 31 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा विद्युत परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में है, 21 गीगावॉट नीलामी की प्रक्रिया में है।
ऊर्जा मंत्रालय की एक टिप्पणी में कहा गया है, ‘टिकाऊ ऊर्जा वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारे देश में उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहा है जिसमें स्वच्छ और हरित ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है। अक्षय ऊर्जा में बाजार भागीदारों के लिए एक दूसरे के लिए प्रतिस्पर्धी विभिन्न विकल्पों को रखने के उद्देश्य के साथ विद्युत एक्सचेंजों में एकीकृत डीएम लाने का निर्णय लिया गया है जिसमें अक्षय ऊर्जा और परंपरागत विद्युत के लिए अलग अलग कीमत होगी।’      
किसी विद्युत एक्सचेंज के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय विद्युत नियामक, ग्रिड परिचालक पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) और दो एक्सचेंजों को इस साल जून के अंत तक एकीकृत डीएएम शुरू करने के लिए पत्र लिखा है।
देश में बिजली कारोबार मार्केट के फिलहाल दो प्लेटफॉर्म पावर एक्सचेंज इंडिया (पीएक्सआईएल) और इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) है। आईईएक्स पर एक दिन पूर्व के हाजिर विद्युत कारोबार मार्केट का 95 फीसदी कारोबार होता है। टर्म अहेड मार्केट और अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों में पीएक्सआईएल की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। इन एक्सचेंजों के पास कई विद्युत कारोबार तंत्र हैं जिनमें टर्म अहेड, ग्रीन टर्म अहेड, डे अहेड, एक दिनी और रीयल टाइम मार्केट शामिल हैं। डीएम में बिजली का कारोबार एक दिन पहले किया जाता है। यहां विक्रेता विद्युत उत्पादन स्टेशन होते हैं और क्रेता विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से लेकर औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ता होते हैं।
ऊर्जा मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि एकीकृत डीएएम में खरीदार और विक्रेता बोली के लिए रखे जाने वाले अक्षय ऊर्जा और परंपरागत विद्युत की मात्रा का संकेत देंगे। सबसे पहले सभी अक्षय ऊर्जा की बोलियों को एक बार में निपटाया जाएगा। इस खंड में सौदा किए जाने वाली पूरी मात्रा को अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता समझा जाएगा। ऐसे मामले जिसमें अक्षय ऊर्जा की कोई गैर चयनित मात्रा है तो उसे परंपरागत खंड में डाला जाएगा।
ऊर्जा मंत्रालय का मानना है कि इससे भागीदारों को यह पहचान करने में सहूलियत होगी कि उन्होंने वास्तव में एक्सचेंज से अक्षय ऊर्जा की खरीद की है। 

First Published - April 12, 2021 | 11:39 PM IST

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