हवाई यातायात कर्मियों पर एस्मा का डंडा असरकारी रहा। निजीकरण तथा बेंगलुरु एवं हैदराबाद हवाई अड्डे को बंद करने के फैसले के खिलाफ हवाई अड्डा प्राधिकरण कर्मचारी संघ द्वारा कल मध्यरात्रि से आहूत ”अनिश्चितकालीन असहयोग” के बावजूद देशभर में उड़ान तथा हवाई अड्डा सेवाएं लगभग अप्रभावित रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी बड़े हवाई अड्डों पर हालात सामान्य रहे तथा उड़ानों का परिचालन निर्धारित समयानुसार चला। सरकार ने हड़ताल के मद्देनजर देश के 21 प्रमुख हवाई अड्डों पर पहले ही 479 वायु सेनाकर्मियों को तैनात कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में उड़ानों का परिचालन सामान्य रहा। सुबह साढ़े पांच बजे से नौ बजे तक दिल्ली हवाई अड्डे से करीब 85 घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरी गई। जबकि विभिन्न स्थानों से 45 विमान यहां पहुंचे।
मुंबई से यहां आए यात्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोई समस्या नहीं है। सब कुछ सामान्य है। मुझे अपना सामान समय पर मिल गया। हमें अफरा तफरी की उम्मीद थी लेकिन हड़ताल के दिन सबकुछ सामान्य देखकर मैं हतप्रभ रह गया।
हवाई अड्डा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के तहत आगमन टर्मिनल के समक्ष प्रदर्शन किया।
संप्रग सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नारे लगा रहे कर्मचारियों ने कहा कि वे तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक कि हवाई अड्डा प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मान लेता।
सरकार अपने कदम की समीक्षा करे तो आंदोलन वापस ले
सकते हैं कर्मचारी
एनएससी बोस हवाईअड्डे के आंदोलनरत कर्मचारियों ने कहा है कि अगर सरकार हवाईअड्डों के निजीकरण के अपने कदम की समीक्षा करने को तैयार हो तो वे भी अपना आंदोलन वापस ले सकते हैं।
सीटू समर्थित एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया एम्प्लाईज यूनियन के उपाध्यक्ष पथिक भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है। यदि वह अपने कदम की समीक्षा करने को तैयार हो तो हम भी अपना आंदोलन वापस लेने के बारे में
सोच सकते हैं।
हालांकि इस आह्वान के बावजूद हवाईअड्डे पर होने वाले हवाई यातायात पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।
भट्टाचार्य ने कहा कि हम हवाईअड्डों के निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह मौजूदा हवाईअड्डों और उनके कर्मचारियों की नौकरी की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए।
इस बात का दावा करते हुए कि एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के सभी दो हजार गैर कार्यकारी कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं भट्टाचार्य ने कहा कि किसी भी यात्री को हवाईअड्डे में प्रवेश करने अथवा बाहर जाने से नहीं रोका जाएगा।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि वायुसेना का एक तीस सदस्यीय दल हवाईअड्डे पर है और वह आपात सेवाओं और विशेषीकृत वाहन संचालन का काम देख रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर ऐसे ओैर कर्मचारी भेजे जाएंगे।
एयरपोर्ट अथारिटी के सूत्रों ने बताया कि हवाईअड्डे पर यात्रियों का सामान ले जाने वाली कुछ कन्वेयर बैल्ट्स और रोलर्स काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उड़ानें सामान्य तौर पर आ और जा रही हैं।
हवाई अड्डों पर असर नहीं
सीटू समर्थित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण कर्मचारी संघ (एएईयू) द्वारा कल मध्यरात्रि से आहूत अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन का घरेलू हवाई अड्डों पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। कोलकाता में उड़ान सेवाएं सामान्य रहीं।
सूत्रों ने बताया कि विमानों का परिचालन सामान्य और समय से हो रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह साढे पांच बजे से सुबह नौ बजे तक 85 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरी जा चुकी हैं जबकि विभिन्न स्थानों से यहां 45 विमान आ चुके हैं।
दिल्ली में हवाई अड्डा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के तहत आगमन टर्मिनल के समक्ष प्रदर्शन किया।
सरकार ने कल कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सेवा बहाली अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया था। इस बीच कोलकाता के हवाई अड्डा सूत्रों ने बताया कि सुबह आठ बजे तक विभिन्न एयरलाइनों की 30 उड़ानें अपने गंतव्य के लिए रवाना हो चुकी हैं।
आंदोलन से हवाई अड्डा कमोबेश अप्रभावित है। अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन कल मध्यरात्रि से शुरू हुआ। इस बीच नई दिल्ली तथा चेन्नई से दो दो उड़ानें यहां आ चुकी हैं।
कोयंबटूर में भी स्थिति सामान्य रही। सूत्रों के मुताबिक यहां से दिल्ली, पोर्ट ब्लेयर, कोलकाता, बेंगलुरु और कोयंबटूर की उड़ानें निर्धारित समय पर रवाना हुईं।
इंदौर के देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे के हड़ताली कर्मचारियों की अगुवाई कर रहे संजय मौर्य ने कहा कि भारतीय विमानतपत्तन प्राधिकरण कर्मचारी संगठन कई बार अपनी मांगों के बारे में केन्द्र सरकार का ध्यान खींच चुका है।
लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस सिलसिले में सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया। उन्होंने कहा कि इंदौर हवाई अड्डे के सत्तर कर्मचारी हड़ताल में हिस्सा ले रहे है इसमें एयरपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के कर्मचारी शामिल नहीं है।
हवाई अड्डा हड़ताल को लेकर लोकसभा में वाम दलों का हंगामा बैठक स्थगित
हवाई अड्डों के निजीकरण के खिलाफ विमान पत्तन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के मुद्दे पर सरकार से तत्काल जवाब की मांग को लेकर आज लोकसभा में वामदलों के भारी हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार के स्थगन सदन के एक बजे दोबारा बैठने पर माकपा नेता बासुदेव आचार्य और अन्य सदस्यों ने हवाई अड्डा हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस मामले में तत्काल बयान दिए जाने की मांग की।
शोर शराबे के बीच सदन के नेता प्रणव मुखर्जी आश्वस्त किया कि सरकार का ध्यान इस मामले में आकर्षित किया गया है
और तुरंत जवाब संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि सभी जानकारी जुटाकर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। मुखर्जी के आश्वासन से वाम दलों के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और वे अपने स्थानों पर खड़े होकर आज ही सरकार से इस बारे में सरकार से बयान देने की मांग पर अड़े रहे।
इस बीच अप्रत्याशित घटनाक्रम में कांग्रेस के के एस राव सहित कुछ सदस्य भी वाम दलों के सुर में सुर मिलाकर सरकार से तत्काल जवाब की मांग करने लगे।
कांग्रेस के उप सचेतक मधुसूदन मिस्त्री ने अपनी पार्टी के उत्तेजित सदस्यों के अलावा वाम दलों के सदस्यों को भी शांत कराने का काफी प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हुए।
दूसरी ओर बीजू जनता दल के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर कोई अन्य मुद्दा उठाना चाहते थे। शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी।