अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार सुबह (IST) कई देशों पर नए ‘रिसीप्रोकल टैरिफ’ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ लगाया, जबकि जिन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा ज्यादा है, उन पर इससे भी ऊंचे टैरिफ लगाए गए। लेकिन रूस का नाम इस लिस्ट में नहीं था, जिससे कई सवाल खड़े हो गए।
Axios की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लीविट ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि रूस को इसलिए बाहर रखा गया क्योंकि वह पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत है। उन्होंने कहा, “रूस पर पहले से ही इतने कड़े प्रतिबंध लगे हुए हैं कि उनके साथ कोई ठोस व्यापार नहीं होता।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी इशारा दिया कि रूस पर आगे और कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
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रूस को टैरिफ से छूट मिलने के बावजूद, अमेरिका और रूस के बीच व्यापार अभी भी कुछ छोटे देशों जैसे मॉरीशस और ब्रुनेई से ज्यादा है। खास बात यह है कि मॉरीशस और ब्रुनेई को ट्रंप की टैरिफ लिस्ट में शामिल किया गया, लेकिन रूस को नहीं। इस फैसले ने कई विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है और इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।