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तालिबान को 31 तक का है इंतजार

Last Updated- December 12, 2022 | 1:42 AM IST

तालिबान के साथ वार्ता की जानकारी रखने वाले एक अफगान अधिकारी ने कहा कि देश में आगामी सरकार के बारे में 31 अगस्त तक कोई भी निर्णय या घोषणा करने की कोई योजना नहीं है। यह तारीख अमेरिका के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने की है। अधिकारी ने कहा कि तालिबान के मुख्य वार्ताकार अनस हक्कानी ने अपनी पूर्व सरकार के वार्ताकारों से कहा है कि समूह का अमेरिका के साथ समझौता है कि अंतिम वापसी प्रक्रिया की तारीख तक कुछ नहीं करना है। उसने यह नहीं बताया कि कुछ नहीं करने का संदर्भ केवल राजनीतिक क्षेत्र के लिए है।
हक्कानी के बयान से यह चिंता उभरती है कि समूह 31 अगस्त के बाद के लिए क्या योजना बना रहा है और क्या वे अगली सरकार में गैर तालिबानी अधिकारियों को शामिल करने के वादे को पूरा करेंगे। तालिबान ने अभी तक यह नहीं बताया है कि अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को बदलने की उनकी योजना है या नहीं। शुक्रवार को राजधानी में अफगान नागरिकों का जीवन सामान्य होता दिखा। हालांकि काबुल की सामान्य तौर पर भीड़भाड़ वाली सड़कें खाली दिखीं। लोग जुम्मे के नमाज की तैयारी कर रहे थे लेकिन तालिबान ने लोगों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। 
मांगा जवाब

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के 24 से अधिक सीनेटरों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के अरबों डॉलर के संवेदनशील सैन्य उपकरण तालिबान के हाथ लगने को लेकर जो बाइडन प्रशासन से जवाब मांगा। उन्होंने इस बात की संभावना को लेकर भी आगाह किया कि तालिबान इन उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए रूस, पाकिस्तान, ईरान और चीन जैसे देशों से मदद ले सकता है।
अमेरिका को काबुल हवाईअड्डे से अमेरिकी और अफगान नागरिकों की निकासी की प्रक्रिया तेज करने में संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उसने सशस्त्र तालिबानी चौकियों से लेकर कागजी कामकाज जैसी समस्याओं का सामना किया।

इस बीच जर्मनी ने कहा है कि उसने इस हफ्ते काबुल से 1,600 से अधिक लोगों को वापस बुलाया है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित एयरलाइन ने अफगानिस्तान में फंसे पाकिस्तानी और विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए काबुल के लिए विशेष उड़ानों का संचालन फिर से शुरू कर दिया है। 
जयशंकर-ब्लिंकन चर्चा
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस हफ्ते में दूसरी बार अफगानिस्तान में स्थिति पर गुरुवार को चर्चा की और वे इस मामले पर करीबी समन्वय जारी रखने पर सहमत हुए। तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर रविवार को कब्जा जमा लिया था। 20 साल तक चले युद्ध के बाद अमेरिकी सेना के वापस जाने पर हुई तालिबान की इस जीत ने काबुल हवाईअड्डïे पर अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया जहां से अमेरिका और अन्य सहयोगी देश अपने हजारों नागरिकों और सहयोगियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकलने की कोशिश में हैं।

First Published - August 21, 2021 | 10:16 AM IST

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