टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ ईलॉन मस्क (Elon Musk) को अमेरिकी सरकार में उनकी भूमिका को लेकर अब तक की सबसे बड़ी कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दो राज्यों के डेमोक्रेटिक अधिकारियों और संघीय कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने असंवैधानिक रूप से मस्क को व्यापक शक्तियां सौंप दी थीं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन और मैरीलैंड की फेडरल कोर्ट में गुरुवार को दायर दो मुकदमों में आरोप लगाया गया है कि मस्क को ऐसी शक्तियां दी गई हैं, जिनका इस्तेमाल वह फेडरल एजेंसियों को नया रूप देने या खत्म करने के लिए कर रहे हैं। जबकि अमेरिकी संविधान के तहत ये अधिकार केवल उन शीर्ष अधिकारियों को दिए जाते हैं, जिन्हें सीनेट की मंजूरी मिली हो।
चैलेंजर्स ने जजों से मांग की है कि वे Elon Musk और उनकी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) द्वारा अब तक उठाए गए अहम कदमों को रद्द करें। उनका कहना है कि इन कदमों में सरकारी खर्चों में कटौती, फेडरल वर्कफोर्स को कम करना और सरकारी एजेंसियों के डेटा और सिस्टम तक पहुंच बनाना शामिल है।
डेमोक्रेटिक राज्य अटॉर्नी जनरल्स ने अपनी शिकायत में कहा कि मस्क को असीमित और बिना रोक-टोक की ताकत मिल गई है, जिससे वह सरकार के कर्मचारियों को हटाने और पूरे विभागों को खत्म करने का फैसला कर सकते हैं। उनके मुताबिक, ऐसा अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को मिल सकता है, लेकिन मस्क को यह बिना किसी चुनाव या पुष्टि के दिया गया है। शिकायत में कहा गया कि अगर देश की आजादी के लिए लड़ने वाले लोग यह देखते तो हैरान रह जाते।
व्हाइट हाउस और अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ताओं ने तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की। पिछले तीन हफ्तों में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दर्जनभर से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं। ये मुकदमे ईलॉन मस्क और डॉज (DOGE) को सरकारी एजेंसियों के रिकॉर्ड और आंतरिक सिस्टम तक पहुंच देने से जुड़े हैं। इसके अलावा, यह एक डिफर्ड रिजाइनेशन प्रोग्राम को लेकर भी है, जिसे संघीय कर्मचारियों को पेश किया गया था। यह वही पेशकश है, जो मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) के कर्मचारियों को कंपनी खरीदने के बाद दी थी।
ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के जरिए DOGE बनाया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश जारी कर US डिजिटल सर्विस नाम की सरकारी इकाई का पुनर्गठन किया। इस आदेश के तहत इस टीम को सरकारी तकनीक को आधुनिक बनाने की जिम्मेदारी दी गई। इसी हफ्ते, ट्रंप ने इस इकाई का दायरा बढ़ाते हुए इसे सरकारी खर्च और कर्मचारियों में कटौती की निगरानी की भी जिम्मेदारी सौंप दी।
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दूसरी ओर, अरबपति ईलॉन मस्क को सरकार में “स्पेशल गवर्नमेंट एम्प्लॉयी” के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर ऐसे लोगों की नियुक्ति होती है, जिन्हें प्रशासन में सालभर में 130 दिनों से ज्यादा काम नहीं करना होता।
अब इस नियुक्ति पर विवाद शुरू हो गया है। नए मुकदमों में दावा किया गया है कि मस्क ‘प्रिंसिपल ऑफिसर’ की भूमिका निभा रहे हैं, जिसे अमेरिकी संविधान के अपॉइंटमेंट क्लॉज के तहत सीनेट की मंजूरी के बिना भरा नहीं जा सकता।