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ट्रेड, इंवेस्टमेंट के लिए भारत-अमेरिका का ‘Mission 500’, जल्द शुरू होगी BTA पर बातचीत; PM मोदी के US दौरे की खास बातें

Modi-Trump Meet: बैठक के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीदेगा। इसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम करना है।

Last Updated- February 14, 2025 | 11:49 AM IST
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Modi-Trump Meeting

Trump-Modi Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह बैठक भारतीय समयानुसार शुक्रवार तड़के हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर चर्चा की।

ओवल ऑफिस पहुंचने पर ट्रंप ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें “पुराना दोस्त” बताया। इस पर मोदी ने ट्रंप की गैरमौजूदगी को लेकर कहा, “हमने आपको बहुत मिस किया”।

ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीदेगा। इसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम करना है।

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने व्यापार से आगे बढ़कर स्पेस एक्सप्लोरेशन और ग्लोबल सिक्योरिटी जैसे विषयों पर भी चर्चा की। बैठक में भारत-अमेरिका के बीच सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी।

अमेरिका और भारत के बीच हुई अहम बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें रक्षा, व्यापार, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक से दोनों देशों के बीच साझेदारी और मजबूत होने की उम्मीद है।

इस शिखर बैठक में सबसे बड़ी घोषणा यूएस-इंडिया COMPACT (Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology) की हुई। यह पहल रक्षा, व्यापार और टेक्नोलॉजी जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए शुरू की गई है।

इसके अलावा, इस साल यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप के लिए एक 10 साल का फ्रेमवर्क साइन किया जाएगा। यह अमेरिका की ओर से भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जानें व्हाइट हाउस में मोदी-ट्रंप की बैठक से जुड़ी अहम बातें-

अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को नई मजबूती

अमेरिका और भारत ने अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए इस साल नए 10-वर्षीय रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना बनाई है। दोनों देश रक्षा उपकरणों के व्यापार, संयुक्त उत्पादन और सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

अमेरिका ने पहले ही C-130J सुपर हरक्यूलिस, P-8I पोसाइडन, AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर, MQ-9B ड्रोन समेत कई रक्षा उपकरण भारत को दिए हैं। अब Javelin एंटी-टैंक मिसाइल और Stryker इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल के संयुक्त निर्माण पर चर्चा हो रही है। साथ ही, भारत को छह और P-8I समुद्री गश्ती विमान मिलने की संभावना है।

दोनों देशों ने रक्षा व्यापार नियमों को सरल बनाने और सैन्य तकनीक के आदान-प्रदान पर सहमति जताई है। अमेरिका भारत को 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और अंडरसी सिस्टम देने पर भी विचार करेगा।

नई टेक्नोलॉजी साझेदारी के तहत, अमेरिका की Anduril Industries और महिंद्रा ग्रुप मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करेंगे। इसके अलावा, L3 Harris और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड नौसेना के लिए एडवांस तकनीक पर काम करेंगे।

भारत और अमेरिका की सेनाएं “Tiger Triumph” त्रि-सेवा अभ्यास को और बड़े स्तर पर आयोजित करेंगी। साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सैन्य तैनाती, लॉजिस्टिक्स और आपदा राहत अभियानों में सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।

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अमेरिका-भारत व्यापार को मिलेगी नई रफ्तार

अमेरिका और भारत ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए “मिशन 500” की घोषणा की है, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है, जिसका पहला चरण 2025 के अंत तक पूरा करने की योजना है। यह समझौता व्यापार को सुगम बनाएगा, बाजार पहुंच बढ़ाएगा और वस्तुओं व सेवाओं के लेनदेन को मजबूत करेगा।

व्यापार बाधाओं को कम करने की दिशा में भी कई अहम कदम उठाए गए हैं। भारत ने बॉर्बन व्हिस्की, मोटरसाइकिल, आईसीटी उत्पाद और धातुओं पर टैरिफ घटाने का फैसला किया है, जबकि अमेरिका ने भारतीय आम, अनार और अन्य कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार को और अधिक खोलने की पहल की है। इसके अलावा, दोनों देशों ने औद्योगिक और विनिर्मित उत्पादों के व्यापार को बढ़ाने पर भी सहमति जताई है।

निवेश के क्षेत्र में भी भारत की कंपनियां अमेरिका में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में करीब $7.35 अरब का निवेश किया है, जिससे 3,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। इसमें हिंदाल्को नोवेलिस का अलाबामा और केंटकी में एल्युमिनियम उत्पादन, जेएसडब्ल्यू स्टील का टेक्सास और ओहायो में स्टील निर्माण, एप्सिलॉन एडवांस्ड मटेरियल्स का नॉर्थ कैरोलाइना में बैटरी सामग्री निर्माण और जुबिलेंट फार्मा का वॉशिंगटन में दवा निर्माण शामिल है।

इस नई पहल से अमेरिका-भारत व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई मिलेगी। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी, नए रोजगार के अवसर बनेंगे और व्यापारिक संबंध और गहरे होंगे।

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अमेरिका-भारत एनर्जी सिक्योरिटी साझेदारी होगी मजबूत

भारत और अमेरिका ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों देशों ने किफायती और भरोसेमंद ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने, तेल-गैस उत्पादन बढ़ाने और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार का विस्तार करने पर सहमति जताई। अमेरिका ने भारत को इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की सदस्यता दिलाने में समर्थन देने का वादा किया है।

इसके अलावा, अमेरिका भारत को कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) की आपूर्ति बढ़ाएगा। दोनों देशों ने हाइड्रोकार्बन व्यापार और तेल-गैस इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने का भी फैसला लिया।

न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में, भारत में अमेरिकी डिज़ाइन वाले न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर सहमति बनी है। भारत सरकार द्वारा एटॉमिक एनर्जी एक्ट और सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट (CLNDA) में संशोधन का दोनों देशों ने स्वागत किया। इस साझेदारी से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और नागरिकों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

अमेरिका-भारत टेक्नोलॉजी साझेदारी को नई गति

अमेरिका और भारत ने U.S.-India TRUST इनिशिएटिव लॉन्च किया है, जिसका मकसद रक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नोलॉजी, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है। इस पहल के तहत दोनों देश संवेदनशील तकनीकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और
विश्वसनीय टेक्नोलॉजी वेंडर्स को बढ़ावा देने पर भी काम करेंगे।

भारत में अमेरिकी AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए दोनों देश मिलकर निवेश और टेक्नोलॉजी सहयोग को बढ़ाएंगे। इसके तहत बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर और एआई प्रोसेसर विकसित किए जाएंगे, जिससे नई तकनीकों का विस्तार हो सकेगा।

नेताओं ने INDUS Innovation ब्रिज लॉन्च करने की घोषणा की, जो भारत-अमेरिका के उद्योगों और शिक्षाविदों के बीच साझेदारी को मजबूत करेगा। यह पहल अंतरिक्ष, ऊर्जा और अन्य नई तकनीकों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। साथ ही, दोनों देशों ने INDUS-X पहल को भी समर्थन दिया, जिससे रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा।

भारत और अमेरिका ने सेमीकंडक्टर्स, एडवांस मैटेरियल, फार्मास्युटिकल और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को मजबूत करने का फैसला किया है। इसके तहत भारत में सेमीकंडक्टर और दवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ाने की योजना है। इसके अलावा, दोनों देश महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लिथियम और कोबाल्ट के लिए रिसर्च और माइनिंग टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे।

2025 को भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग के लिए ऐतिहासिक साल बताया गया है। इस साल NASA-ISRO के सहयोग से एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजा जाएगा। इसके अलावा, NISAR मिशन लॉन्च होगा, जो पृथ्वी की सतह में होने वाले बदलावों को ट्रैक करेगा। दोनों देशों ने स्पेसफ्लाइट, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और स्पेस टूरिज्म में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।

भारत और अमेरिका के वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों के बीच सेमीकंडक्टर्स, मशीन लर्निंग, टेलीकम्युनिकेशन और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में रिसर्च साझेदारी को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। इस सहयोग से दोनों देशों में नई तकनीकों का विकास और इनोवेशन तेज होगा।

अमेरिका और भारत ने हाई-टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और एक्सपोर्ट कंट्रोल से जुड़ी बाधाओं को दूर करने पर भी सहमति जताई है। दोनों देश मिलकर संवेदनशील टेक्नोलॉजी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अनुचित व्यापारिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए काम करेंगे।

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भारत-अमेरिका की साझेदारी से इंडो-पैसिफिक और सुरक्षा मजबूत

भारत और अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, व्यापार और सुरक्षा को मजबूत करने पर सहमति जताई। नई दिल्ली में क्वाड समिट से पहले, दोनों देश आपदा सहायता और समुद्री सुरक्षा गश्त के नए कदम उठाएंगे।

मध्य पूर्व और भारतीय महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। दोनों देश इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर में निवेश करेंगे और डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए Meta की अंडरसी केबल परियोजना को समर्थन देंगे।

आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए, अमेरिका ने मुंबई हमले के आरोपी ताहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी और पाकिस्तान से 26/11 और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

भारत अरब सागर में समुद्री सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक बल का नेतृत्व करेगा और दोनों देश हथियारों के अवैध प्रसार को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे।

इंडिया-अमेरिका की पार्टनरशिप होगी और मजबूत, एजुकेशन, वीजा और सिक्योरिटी पर फोकस

अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी ने इंडिया-अमेरिका के लोगों के बीच रिलेशन (People-to-People Ties) को और स्ट्रॉन्ग बनाने पर जोर दिया। दोनों लीडर्स ने माना कि अमेरिका में 3 लाख से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स हर साल $8 बिलियन (₹66,000 करोड़ से ज्यादा) का इकोनॉमिक कॉन्ट्रिब्यूशन देते हैं और कई जॉब्स क्रिएट करते हैं।

एजुकेशन और वीजा प्रोसेस को ईज़ी बनाने का प्लान

इंडिया और अमेरिका के बीच हायर एजुकेशन कोलैबोरेशन को बूस्ट करने पर बात हुई। अमेरिका की टॉप यूनिवर्सिटीज के ऑफशोर कैंपस इंडिया में ओपन हो सकते हैं और जॉइंट डिग्री प्रोग्राम्स भी स्टार्ट किए जा सकते हैं। इसके अलावा, स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स के वीजा प्रोसेस को ईज़ी बनाने और टूरिस्ट व बिजनेस ट्रैवल को फास्ट-ट्रैक करने पर फोकस दिया गया।

इल्लीगल इमिग्रेशन और क्राइम नेटवर्क्स पर एक्शन

दोनों देशों ने इल्लीगल इमिग्रेशन, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और ऑर्गनाइज़्ड क्राइम को कंट्रोल करने के लिए स्ट्रिक्ट एक्शन लेने का डिसीजन लिया। सिक्योरिटी कोऑपरेशन को स्ट्रॉन्ग किया जाएगा ताकि क्रिमिनल नेटवर्क्स और ट्रैफिकर्स पर सख्त क्रैकडाउन किया जा सके।

भारत-अमेरिका सहयोग को नई ऊंचाई देने का संकल्प

ट्रंप और मोदी ने गवर्नमेंट, बिज़नेस और एकेडमिक लेवल पर पार्टनरशिप को स्ट्रॉन्ग करने का कमिटमेंट दिया। दोनों देश इंडो-पैसिफिक रीजन में फ्री और सिक्योर एनवायरनमेंट को प्रमोट करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

MAGA से MIGA और फिर MEGA: PM मोदी ने समझाया भारत-अमेरिका साझेदारी का विजन

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के Make America Great Again (MAGA) अभियान का जिक्र करते हुए भारत के 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने के लक्ष्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “अमेरिका की भाषा में इसे MIGA कह सकते हैं, यानी Make India Great Again”।

मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग MEGA (MAGA + MIGA) पार्टनरशिप का रूप ले सकता है, जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

First Published - February 14, 2025 | 11:36 AM IST

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