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पाकिस्तान से तनाव के बीच LOC पर फायरिंग, मोदी सरकार ने बढ़ाई सख्ती

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, अमेरिका ने की संयम बरतने की अपील, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में दिए गए जवाबी कार्रवाई के संकेत

Last Updated- April 30, 2025 | 11:12 PM IST
Indo-Pak Tension

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 29-30 अप्रैल की दरम्यानी रात को भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी हुई। इस बीच बुधवार को अमेरिका ने दोनों देशों से तनाव कम करने के लिए कदम उठाने को कहा। अमेरिकी कार्यवाहक राजदूत नताली बेकर ने बुधवार को उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से संयम बरतने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए बात करेंगे।

पड़ोसी देश के साथ लगातार गहराते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) का पुनर्गठन किया है और पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है। एनएसएबी एक सलाहकार निकाय है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को सलाह देता है। मामले से अवगत लोगों ने कहा कि एनएसएबी में नियुक्त किए गए नए सदस्यों में पश्चिमी वायु कमान के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल पीएम सिन्हा, दक्षिणी सैन्य कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) मोंटी खन्ना शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व राजनयिक बी. वेंकटेश वर्मा और सेवानिवृत्त आईपीएस राजीव रंजन वर्मा को भी सदस्य बनाया गया है।

भारतीय सेना ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के सामने एलओसी पर छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सेना ने तुरंत इसका कड़ा जवाब दिया। एलओसी पर पड़ोसी देश की ओर से बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बीच भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों ने ‘हॉटलाइन’ पर बातचीत की।

मामले से परिचित लोगों ने बताया कि गोलीबारी के दौरान भारतीय पक्ष द्वारा बिना उकसावे की गई गोलीबारी के बारे में पाकिस्तानी पक्ष को आगाह किया गया। दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत मंगलवार को हुई थी।

एक अन्य घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। समझा जाता है कि भारत की संभावित प्रतिक्रिया को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच हुई इस बैठक में हाल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई।

इससे एक दिन पहले उन्होंने सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले को लेकर भारत की प्रतिक्रिया का ‘तरीका, लक्ष्य और समय’ तय करने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी स्वतंत्रता दी गई थी। सीसीएस की यह बैठक प्रधानमंत्री के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर हुई। मामले से अवगत लोगों ने बताया कि बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में प्रमुख पर्यटन स्थल पर 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। सीसीएस की बैठक को लेकर हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पहलगाम हमले के बाद सीसीएस की यह दूसरी बैठक थी। सीसीएस की 23 अप्रैल को हुई पहली बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए जाने का निर्णय लिया गया था जिनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना, अटारी सीमा चौकी को बंद करना और हमले के सीमा पार संबंधों के मद्देनजर राजनयिक संबंधों को कमतर करना शामिल था।

जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था और तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार समेत भारत के साथ सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान ने ‘विश्वसनीय खुफिया जानकारी’ का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है। पड़ोसी देश ने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक और इसमें सेना को खुली छूट देने के फैसले के एक दिन बाद पाकिस्तान की ओर से यह बयान आया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि भारत सरकार पहलगाम में हाल में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में ‘निराधार और मनगढ़ंत आरोपों’ के आधार पर हमला करने की तैयारी कर रही है।

भारत से 786 पाकिस्तानी गए, 1,465 भारतीय लौटे

पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर जारी सरकारी आदेश के बाद पिछले छह दिनों में 55 राजनयिकों, उनके आश्रितों और सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के जरिए भारत छोड़ चुके हैं। इसके अलावा 24 अप्रैल से अब तक पंजाब से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए पाकिस्तान से भारत में कुल 1,465 भारतीय आए हैं, जिनमें 25 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं।

आतंक पर कड़ी चोट करे सरकार: राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ा कदम उठाना चाहिए। राहुल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कार्रवाई करनी होगी। कार्रवाई स्पष्ट और मजबूत होनी चाहिए। प्रधानमंत्री को टालमटोल नहीं करनी चाहिए और कार्रवाई करने की जरूरत है।’

First Published - April 30, 2025 | 11:12 PM IST

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