भारत और न्यूजीलैंड ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंध और मजूबत करने के लिए 10 वर्ष के अंतराल के बाद ‘समग्र और परस्पर लाभकारी’ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर वार्ता शुरू करने की रविवार को घोषणा की। दोनों देशों ने 14 वर्ष पूर्व एफटीए वार्ता शुरू की थी लेकिन 10 दौर की बैठक के बाद यह ठप हो गई थी। फरवरी 2015 के बाद इस बारे में कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमें भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता शुरू होने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह हमारी साझेदारी में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है और यह व्यापारिक सहयोग अधिक मजूबत करने और आर्थिक अवसरों को विस्तारित करने की साझा दृष्टि को प्रदर्शित करता है।’ उन्होंने कहा, ‘द्विपक्षीय व्यापार नियमित रूप से बढ़ रहा है। यह अप्रैल-जनवरी 2025 के दौरान 1 अरब डॉलर के पार जा चुका है। एफटीए वार्ता का उद्देश्य बिजनेस और उपभोक्ताओं के लिए नए दरवाजे खोलना और दोनों देशों के बीच परस्पर वृद्धि व समृद्धि को बढ़ावा देना है।’
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भारत यात्रा पर हैं। इस यात्रा का उद्देश्य आर्थिक सहयोग को मजबूती प्रदान करना और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री का भारत दौरा रविवार को शुरू हुआ। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में बताया, ‘भारत-न्यूजीलैंड एफटीए वार्ता का लक्ष्य बाजार में पहुंच बढ़ाना और आपूर्ति श्रृंखला को ज्यादा समन्वित कर संतुलित नतीजे हासिल करना है। यह मील का पत्थर एक मजबूत आर्थिक साझेदारी, लचीलापन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।’
मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के उनके समकक्ष टॉड मैक्ले ने रविवार को मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार व आर्थिक संबंध मजबूत करने की आधारशिला रखी। एफटीए वार्ता शुरू करने का समय महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बढ़ते भूराजनीतिक उथल-पुथल के कारण वैश्विक व्यापार में बड़े बदलाव की जरूरत है।
भारत फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ओमान के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया भी समग्र एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक दशक पूर्व कुछ विवादित मसलों के कारण समझौता नहीं हो पाया था। इसके बाद दोनों देशों के बीत वार्ता की गति भी धीमी हो गई थी। इनमें चीन समर्थित क्षेत्रीय समन्वय आर्थिक साझेदारी (आरसेप) का हिस्सा बनने जैसे कई मुद्दे शामिल थे। हालांकि कई वर्ष विचार-विमर्श के बाद 2019 में भारत आरसीईपी से बाहर निकल गया था। भारत से न्यूजीलैंड में वर्ष 2023 में 0.91 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात हुआ था।