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अफगानिस्तान में आज हो सकता है सरकार का गठन

Last Updated- December 12, 2022 | 1:21 AM IST

अफगानिस्तन में सरकार गठन की घोषणा एक दिन के लिए टाल दी गई है। इससे पहले तालिबान ने शुक्रवार को नई सरकार का गठन करने का ऐलान किया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन एक दिन के लिए टाल दिया गया है। मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा अब शनिवार को की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं। तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वाेच्च प्राधिकारी होंगे। 
चीन सबसे अहम साझेदार: तालिबान

अफगानिस्तान में नियंत्रण करने वाले तालिबान और चीन के बीच नजदीकी बढ़ती जा रही है। तालिबान ने कहा कि चीन उसका सबसे बड़ा साझेदार है। तालिबान ने कहा कि उसे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में चीन से बहुत उम्मीदें हैं। युद्ध से परेशान अफगानिस्तान व्यापक स्तर पर भूख और आर्थिक बदहाली की आशंका का सामना कर रहा है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि वह चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल का समर्थन करता है जो बंदरगाहों, रेलवे, सड़कों और औद्योगिक पार्कों के विशाल नेटवर्क के जरिए चीन को अफ्रीका, एशिया और यूरोप से जोड़ेगी। जियो न्यूज ने मुजाहिद के हवाले से यह खबर चलाई है। मुजाहिद ने कहा, ‘चीन हमारा सबसे महत्त्वपूर्ण साझेदार है और हमारे लिए एक मौलिक और विशेष अवसर पेश करता है। चीन हमारे देश में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है।’ चीन ने तालिबान के प्रति अपना रवैया नरम रखा है और उसके साथ सहयोग करने का संकेत देता आ रहा है। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान क्षेत्र में रूस को भी एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है और वह रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा। 
कश्मीर पर टिप्पणी 

अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की चिंताओं के बीच तालिबान ने कहा है कि उसे कश्मीर समेत हर कहीं मुस्लिमों के पक्ष में बोलने का अधिकार है। हालांकि उसने कहा कि उसकी किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान को अंजाम देने की नीति नहीं है। 
दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने गुरुवार को वीडियो लिंक के जरिये बीबीसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि वे मुसलमानों के लिए वे आवाज उठाएंगे। कुछ दिन पहले नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के अनुरोध पर दोहा में उसके राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की। उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

First Published - September 4, 2021 | 12:24 AM IST

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