ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान में वह समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास जारी रखेगी और सोमवार से सिलसिलेवार राजनयिक प्रयास शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके सैनिक अफगानिस्तान से बाहर जा चुके हैं। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में राजनयिक सूत्रों के अनुसार, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब कतर, तुर्की, जी-7 के सहयोगी देशों और नाटो के साथ सोमवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। अफगानिस्तान पर समान विचारधारा के सहयोगियों के साथ अमेरिका की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में वह ब्रिटेन की चार अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर जोर देंगे। इन प्राथमिकताओं में अफगानिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली बनने से रोकना, मानवीय दुर्दशा का समाधान, क्षेत्रीय स्थिरता को सुरक्षित रखना और तालिबान को मानवाधिकारों के लिए जवाबदेह बनाना शामिल है। पश्चिमी देश तालिबान के साथ किस तरह से संपर्क रखें, इस पर भी राब कुछ सिद्धांतों का प्रतिपादन करेंगे। इस बीच ब्रिटेन ने न्यूयॉर्क में कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों (पी-5) अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस और ब्रिटेन के बीच संयुक्त रुख स्थापित करने पर भी काम कर रहा है। वहीं चीन ने अमेरिका से कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति में मूलभूत परिवर्तन हुए हैं और सभी पक्षों के लिए तालिबान के साथ संपर्क स्थापित करना और उसका सक्रिय रूप से मार्गदर्शन करना जरूरी है। चीन ने दोहराया कि अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने से अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को फिर से सिर उठाने का मौका मिल सकता है।
हमलों की जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठन ने काबुल में सोमवार को रॉकेट से हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादी संगठन ने कहा कि उसने अफगानिस्तान की राजधानी स्थित हवाई अड्डे पर कम से कम छह कत्युषा रॉकेट दागे थे। आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट काबुल हवाई अड्डे के करीब गिरे थे। आतंकवादी संगठन की मीडिया इकाई अमाक न्यूज एजेंसी ने हमले की जिम्मेदारी संबधी दावे किए। उसने घटना की विस्तृत जानकारी नहीं दी।
वहीं अमेरिकी सेना ने कहा है कि सोमवार सुबह अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर पांच रॉकेट दागे गए लेकिन अमेरिकी बलों ने रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर उन्हें नष्ट कर दिया। अमेरिकी सेना की मध्य कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अरबन ने बताया कि हमले में अमेरिका का एक भी शख्स हताहत नहीं हुआ।
