ब्रिटेन सरकार ने यात्रा संबंधी अपने दिशानिर्देशों में बुधवार को संशोधन किया और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा तैयार कोविशील्ड को मान्यता दे दी। हालांकि ब्रिटेन ने साफ किया कि कोविड-19 से बचाव के दोनों टीके लगवा चुके भारत के लोगों को ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिन तक अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा। वहां की सरकार ने कहा है कि वह कोविन मोबाइल ऐप्लिकेशन की कार्य प्रणाली से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने यात्रा संबंधी ब्रिटेन सरकार के दिशानिर्देशों को भेदभावपूर्ण करार दिया था। सरकार ने यहां तक कह दिया था कि अगर ब्रिटेन उक्त दिशानिर्देशों में संशोधन नहीं करेगा तो भारत भी ब्रिटेन के नागरिकों के लिए ऐसी ही शर्तें रखेगा। भारत सरकार के कड़े रुख के बाद ब्रिटेन ने यात्रा नीति में संशोधन कर भारत में तैयार कोविशील्ड को मान्यता दे दी मगर पृथकवास से जुड़ी शर्त नहीं हटाई है।
पिछले शुक्रवार को ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नई नीति लेकर आया था और कुछ खास देशों के टीका लगवा चुके नागरिकों के लिए पृथकवास की शर्त समाप्त कर दी थी। ब्रिटेन ने एशिया और लैटिन अमेरिका के 17 देशों को भी इस सूची में शामिल किया है। मगर भारत को इस सूची से बाहर रखा गया है और ब्रिटेन पहुंचने पर इसके नागरिकों को 10 दिन तक पृथकवास में रहना होगा। ब्रिटेन सरकार की नई नीति आगामी 4 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगी।
एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि कोविन ऐप के कार्य करने की शैली समझने के लिए तकनीकी स्तर पर चर्चा चल रही है। ऐलिस ने इस बारे में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया कि भारतीय नागरिकों के लिए ब्रिटेन में पृथकवास की शर्त कब समाप्त की जाएगी मगर उन्होंने कहा कि इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने ताजा सूची में जिन 17 देशों को शामिल किया है उनमें कोविड-19 संक्रमणों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम रही थी। कोविन ऐप का परिचालन करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के प्रमुख आर एस शर्मा ने ब्रिटेन के साथ उक्त विषय पर चर्चा होने की पुष्टि की। शर्मा ने कहा कि कोविन ऐप के संबंध में विदेश मंत्रालय या ब्रिटेन के उच्चायोग से अब तक कोई संवाद नहीं मिला है। शर्मा ने एक टेलीविजन चैनल को बताया, ‘ब्रिटेन के उच्चायुक्त 2 सितंबर को मुझसे मिले थे। वह और उनके सहयोगी कोविन से जुड़ी बातें समझना चाहते थे। अब तक इस विषय पर उनसे दो बार बातचीत हो चुकी है। दूसरी बैठक मंगलवार को हुई थी।’ शर्मा ने कहा कि उन्हें अब तक कोविन के परिचालन में कोई चिंतित करने वाली बात नहीं दिखी है।
शर्मा ने कहा कि बैठक में यह समझने की कोशिश की जा रही है कि टीकाकरण प्रक्रिया कैसे पूरी हो रही है और कोविन प्लेटफॉर्म पर इससे जुड़ी जानकारी कैसे उपलब्ध कराई जा रही है। बकौल शर्मा, यह भी समझने का प्रयास हो रहा है कि इस ऐप पर टीका प्रमाणपत्र कैसे तैयार होता है और जानकारियां कैसे सुरक्षित रखी जाती हैं।
