प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं। प्रधानमंत्री इस दौरान ‘क्वाड’ (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) समूह के नेताओं से वार्ता करने के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पहली बार सीधी मुलाकात करेंगे। मोदी अमेरिका में शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) के साथ भी चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री 22 सितंबर को अमेरिका रवाना होंगे और 26 सितंबर को स्वदेश लौट आएंगे।
प्रधानमंत्री जिन अमेरिकी सीईओ से बात करेंगे उनके नामों की सूची तैयार हो रही है और बुधवार तक यह उपलब्ध हो जाएगी। विदेश सचिव हर्ष शृंगला ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। शृंगला ने इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) जैसे विषयों पर चर्चा होगी या नहीं। दोनों देशों के बीच सामरिक एवं रक्षा क्षेत्र में सहयोग और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
मोदी की अमेरिका यात्रा इस लिहाज से भी अहम होगी कि वह पहली बार बाडइन (बतौर राष्ट्रपति) के साथ आमने-सामने विभिन्न मसलों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले जब बाइडन उप-राष्ट्रपति थे तो मोदी और उनके बीच मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों सहित अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद दक्षिण एशिया में उत्पन्न भू-राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा होगी। क्वाड में भारत की भूमिका के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतंत्र को बढ़ावा, अंतरराष्ट्रीय कानून एवं स्वतंत्रता और इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व पर भी निश्चित रूप से चर्चा होगी।
मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सूगा से भी 23 सितंबर को अलग से बातचीत करेंगे। शृंगला ने कहा कि भारत क्वाड के साथ आसियान के साथ संबंध एवं सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान देगा। विदेश सचिव ने कहा कि भारत आसियान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विवादित मुद्दे सुलझाने में एक अहम समूह के रूप में देखता है। प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे का पूरा ताना-बाना क्वाड के सदस्य देशों के बीच आपसी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर आधारित होगा।
प्रधानमंत्री 22 सितंबर को बाडइन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और कारोबार जगत की हस्तियों से भी चर्चा करेंगे। मोदी कुछ सीईओ के साथ अलग-अलग वार्ता भी करेंगे। भारत के निजी जानकारी सुरक्षा कानून (पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन लॉ) से जुड़े मुद्दे तैयार किए किए जा रहे हैं और डेटा भारत में सहेज कर रखने एवं स्वच्छ ऊर्जा जैसे विषय भी बातचीत के दौरान उठेंगे। वह 24 सितंबर को क्वाड समूह के नेताओं की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक को संबोधित करेंगे। अपने अभिभाषण में प्रधानमंत्री भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने रखेंगे।
ब्रिटेन-अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सैन्य गठबंधन में भारत के भी शामिल होने की संभावना पर पूछे गए सवाल पर शृंगला ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इन तीनों देशों के बीच हाल में हुए इस समझौते के तहत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया को परमाणु चालित पनडुब्बी देगा। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने स्पष्ट कर दिया है कि उसे अमेरिका से परमाणु ऊर्जा से चलने वाला पनडुब्बी मिलेगी और यह नाभिकीय हथियारों से लैस नहीं होगी। शृंगला ने स्पष्ट किया कि क्वाड सैन्य संबंधों पर आधारित समूह नहीं है जबकि ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का ऑकस समूह एक सैन्य गठबंधन है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं रहा है।
यह पूछे जाने पर कि भारत के असैन्य परमाणु कार्यक्रम पर लंबे समय तक चली चर्चा के बाद भी बात क्यों नहीं बनी तो इस पर उन्होंने कहा कि भारत परमाणु ऊर्जा निगम इन मुद्दोंं पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियां असैन्य परमाणु ऊर्जा के लिए परमाणु रिएक्टर स्थापित करना चाहती थीं मगर जवाबदेही से जुड़े कुछ मसले थे। शृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी जाएंगे।
