अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष जलवायु परिवर्तन दूत जॉन केरी ने आज अपनी भारत यात्रा के पहले दिन बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। केरी ने भारत सरकार के साथ क्लाइमेट ऐक्शन ऐंड फाइनैंस मोबिलाइजेशन डॉयलाग (सीएएफएम) की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस संवाद का ध्यान 3 क्षेत्रों- धन जुटाने, स्वच्छ ऊर्जा विकास और जलवायु अनुकूलन उपायों पर केंद्रित होगा।
यादव के साथ सीएएफएम संवाद पर हस्ताक्षर करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केरी ने कहा कि भारत अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 दुनिया के लिए एक उदाहरण पेश करेगा कि किस तरह समावेशी और तेज आर्थिक विकास के साथ जलवायु के मसले पर तेजी से कार्यवाई की जा सकती है और मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ जलवायु लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, एजेंडा 2030 भारत-अमेरिका संबंधों का मुख्य स्तंभ है और सीएएफएमडी एजेंडा 2030 साझेदारी के दो मुख्य ट्रैक में से एक है। एजेंडा 2030 साझेदारी की शुरुआत अप्रैल, 2020 में लीडर्स समिट ऑन क्लाइमेट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन ने की थी।
केरी ने कहा कि सीएएफएम के 3 मुख्य बिंदु में सबसे पहले जलवायु कार्रवाई स्तंभ को शामिल किया गया है, जो उत्सर्जन पर लगाम लगाने में भूमिका निभाएगा। दूसरा मकसद धन जुटाना है, जिसके तहत दोनो देश पंूजी आकर्षित करने के लिए साझेदारी करेंगे और 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता उत्पादन, नवोन्मेषी स्वच्छ ईंधन तकनीकों की कवायद करेंगे और द्विपक्षीय स्वच्छ ऊ र्जा निवेश और व्यापार को प्रोत्साहित करेंगे। तीसरा हिस्सा जलवायु अनुकूलन व स्वीकार्यता पर केंद्रित होगा। केरी ने कहा कि हम जलवायु संबंधी जोखिमों को नापने और उनके प्रबंधन की क्षमता बनाने के लिए साझेदारी करने जा रहे हैं।
केरी अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्रियों और अन्य शीर्ष अधिकारियों के अलावा वैश्विक स्तर पर जलवायु से जुड़े लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढऩे को गति देने के प्रयासों पर चर्चा के लिए उद्योगपतियों से भी मिलेंगे।
अमेरिका ने ऊर्जा पहुंच अभियान और 2030 तक 4,50,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन हासिल करने की प्रतिबद्धता के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने 18 महीनों में 28.02 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाने तथा सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल करने को लेकर प्रशंसा की। केरी ने कहा कि अमेरिका 2030 तक 4,50,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊ र्जा उत्पादन क्षमत का लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत के साथ एक वास्तविक सहयोग के लिए तैयार है।