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50 साल पहले परिवार के 18 लोगों की हुई थी हत्या, ऐसे बचीं थीं शेख हसीना; इंदिरा गांधी ने बड़े प्लान से बुलाया भारत

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना सी-130 परिवहन विमान (C-130 transport aircraft) से भारत के गाजियाबाद में हिंडन एयर बेस (Hindon Air Base) पर उतरीं।

Last Updated- August 05, 2024 | 9:18 PM IST
PM Modi- Sheikh Hasina
Representative Image

Sheikh Hasina Arrived India: करीब 50 साल बाद बांग्लादेश को जिसने बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसे बांग्लादेश का संस्थापक कहा जाता है, उनकी बेटी आज फिर भारत को अनिश्चित काल के लिए घर बनाने आईं है। मौजूदा समय में, बांग्लादेश में चल रहे जानलेवा प्रदर्शन ने 300 लोगों की जिंदगी लील ली तो वहीं 50 साल का इतिहास दोहरा दिया। आज से 50 वर्ष पहले यानी 1975 की तारीख 15 अगस्त को शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान, उनकी माता और उनके तीन भाइयों समेत 18 सदस्यों की सैन्य अधिकारियों ने उनके घर में ही हत्या कर दी थी। बांग्लादेश को 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता मिलने के बाद उनके पिता मुजीबुर रहमान देश के राष्ट्रपति और फिर प्रधानमंत्री बने थे।

शेख हसीना की जान इसलिए बच पाई क्योंकि, वह अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ विदेश में थीं। शेख हसीना के पति न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे और वे जर्मनी में थे। पिता की हत्या के 15 दिन पहले ही शेख हसीना बांग्लादेश से जर्मनी गईं थीं। यानी 30 जुलाई 1975 को शेख हसीना और शेख रेहाना ने अपने पिता-माता और 3 भाइयों को अंतिम बार देखा था। जब वे जर्मनी जा रही थीं तो शायद इतना भी नहीं भांप पाईं होंगी कि महज 15 दिन के भीतर पूरा परिवार नष्ट होने वाला है।

कैसे इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को जर्मनी से बुलाया था भारत

उस समय भारत की आयरन लेडी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मुजीबुर रहमान की बेटी और आयरन लेडी कही जाने वाली शेख हसीना और उनकी बहन की चिंता हुई और उन्होंने हसीना को भारत में शरण देने का फैसला लिया। उन्होंने जर्मनी में अपने राजदूत हुमायूं राशिद चौधरी को हसीना के पास भेजा और दोनों बहनों को भारत बुला लिया।

वह ऐसा दौर था, जब हसीना के ऊपर असुरक्षा की तलवार लटक रही थी। हालांकि, प्लान बनाया गया और 24 अगस्त 1975 को दोपहर में शेख हसीना अपने पति के साथ जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से एयर इंडिया के विमान से उड़ान भरीं और 25 अगस्त, 1975 की सुबह भारत में कदम रखा। हसीना को उस समय 56 रिंग रोड स्थित एक सेफ हाउस में रखा गया। इंदिरा गांधी को उनकी सुरक्षा की काफी चिंता थी और इसलिए यहां तक कि उनकी असली पहचान भी छिपाई गई। उन्हें मिस्टर और मिसेज मजूमदार के नाम से बुलाया जाता था।

कुछ दिनों बाद शएख हसीना को रहने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच पंडारा पार्क के सी ब्लॉक स्थित तीन कमरों के एक मकान दिया गया।

1981 में अपने वतन लौंट गईं थी शेख हसीना

हसीना ने भारत में छह साल निर्वासन में बिताए, बाद में उन्हें उनके पिता द्वारा स्थापित पार्टी अवामी लीग का नेता चुना गया। हसीना 17 मई, 1981 में अपने देश बांग्लादेश लौट आईं और सेना द्वारा शासित देश में लोकतंत्र की मुखर आवाज बनीं, जिसके कारण उन्हें कई बार नजरबंद रखा गया।

हसीना को एक समय सैन्य शासित बांग्लादेश को स्थिरता प्रदान करने के लिए जाना जाता है, लेकिन साथ ही उनके विरोधियों द्वारा उन्हें एक ‘निरंकुश’ नेता बताकर उनकी आलोचना भी की जाती है। 76 साल की शेख हसीना सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली दुनिया की कुछ चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं।

1996 में पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी शेख हसीना

बांग्लादेश में 1991 के आम चुनाव में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग बहुमत हासिल करने में विफल रही। उनकी प्रतिद्वंद्वी बीएनपी की खालिदा जिया प्रधानमंत्री बनीं। पांच साल बाद, 1996 के आम चुनाव में हसीना प्रधानमंत्री चुनी गईं। हसीना को 2001 के चुनाव में सत्ता से बाहर कर दिया गया था, लेकिन 2008 के चुनाव में वह भारी जीत के साथ सत्ता में लौट आईं। तब से खालिदा जिया के नेतृत्व वाली BNP मुश्किल में फंसी हुई है।

2004 में हुई थी शेख हसीना की हत्या की कोशिश

वर्ष 2004 में हसीना की हत्या की कोशिश की गई थी, जब उनकी रैली में एक ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। हसीना ने 2009 में सत्ता में आने के तुरंत बाद 1971 के युद्ध अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए एक न्यायाधिकरण की स्थापना की। न्यायाधिकरण ने विपक्ष के कुछ वरिष्ठ नेताओं को दोषी ठहराया, जिसके कारण हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

इस्लामिस्ट पार्टी और BNP की प्रमुख सहयोगी जमात-ए-इस्लामी को 2013 में चुनाव में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। BNP प्रमुख खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। BNP ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन 2018 में इसमें शामिल हुई।

उस चुनाव के बारे में बाद में पार्टी नेताओं ने कहा कि यह एक गलती थी, और आरोप लगाया कि मतदान में व्यापक धांधली और धमकी दी गई थी। हसीना ने पिछले 15 सालों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक का नेतृत्व किया और दक्षिण एशियाई राष्ट्र के जीवन स्तर में सुधार किया।

शेख हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं। उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।

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1960 में हुआ था शेख हसीना का पूर्वी पाकिस्तान में जन्म

सितंबर 1947 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में जन्मीं हसीना 1960 के दशक के अंत में ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान राजनीति में सक्रिय हो गईं। पाकिस्तानी सरकार द्वारा अपने पिता की कैद के दौरान उन्होंने उनके राजनीतिक संपर्क सूत्र के रूप में कार्य किया।

आयरन लेडी कही जाती हैं शेख हसीना

एक समाचार वेबसाइट ने कई साल पहले उन्हें ‘‘आयरन लेडी’’ का टाइटल दिया था और तब से पश्चिमी मीडिया द्वारा उन्हें संदर्भित करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। हसीना ने दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी संकट से निपटने के लिए तारीफ बटोरी। यह वह दौर था जब 2017 में अपने देश में सेना की कार्रवाई के बाद उत्पीड़न से बचने के लिए पड़ोसी देश म्यांमा से भागकर आए दस लाख से अधिक रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में शरण ली थी।

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हसीना को भारत और चीन के प्रतिद्वंद्वी हितों के बीच कुशलतापूर्वक बातचीत करने का श्रेय भी दिया जाता है। चुनावों से पहले उन्हें दोनों प्रमुख पड़ोसियों और रूस का समर्थन प्राप्त हुआ। उनके करीबी लोग कहते थे कि प्रधानमंत्री एक “काम में डूबी रहने वाली” महिला हैं और वह रोजाना इस्लाम के नियमों का पालन करती हैं।

राजनीतिक विरोधियों ने हसीना की सरकार को एक “निरंकुश” और भ्रष्ट शासन बताया, जबकि नागरिक संस्थाओं से जुड़े लोगों और अधिकार समूहों ने उस पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया।

अब फिर 50 साल बाद लौटना पड़ा भारत

बांग्लादेश में लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुईं शेख हसीना आज यानी 5 अगस्त 2024 को फिर से करीब 50 साल बाद फिर से भारत आ गईं है। उनके 15 साल के शासन का नाटकीय ढंग से अंत हो गया है क्योंकि उन्होंने भीषण विद्रोह के चलते इस्तीफा दे दिया है।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना सी-130 परिवहन विमान (C-130 transport aircraft) से भारत के गाजियाबाद में हिंडन एयर बेस (Hindon Air Base) पर उतरीं। PM शेख हसीना के भारत पहुंचने के बाद एयर ऑफिसर कमांडिंग (AOC) संजय चोपड़ा ने एयर बेस पर शेख हसीना का स्वागत किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हिंडन एयर बेस पर शेख हसीना से मुलाकात की।

300 लोगों की हो चुकी है मौत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों के इस विरोध में रविवार यानी कल कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कुल मृत लोगों की संख्या 300 पहुंच गई है।

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मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जतराबारी और ढाका मेडिकल कॉलेज इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के कारण आज ताजा हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए।

(PTI-भाषा के इनपुट के साथ)

First Published - August 5, 2024 | 9:18 PM IST

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