रेल मंत्रालय शहरों के बीच संपर्क स्थापित करने के वंदे भारत मेट्रो वर्जन पर काम कर रहा है। इस मामले के जानकार वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इसका प्रायोगिक परीक्षण जुलाई में शुरू होने की उम्मीद है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया, ‘वंदे भारत मेट्रो नियमित ठहराव के साथ तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ियां होंगी। इन रेलगाड़ियों में 12 कोच होंगे और इनमें बड़े स्वचालित दरवाजों के साथ किनारे में सीटें होंगी।’
वैसे यह कई तरह की हो सकती है जैसे चार कोच वाली, आठ कोच और चार के गुणक वाली अन्य मेट्रो। अधिकारी ने बताया कि ज्यादा घनत्व वाले मार्ग पर वंदे भारत मेट्रो में अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया, ‘इसमें चार डिब्बे अनारक्षित या सामान्य श्रेणी के ऐसे मुसाफिरों के लिए होंगे जो रोजाना रेलगाड़ियों से आवाजाही करते हैं।’
वंदे भारत मेट्रो रेलगाड़ियां 100 से 250 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी और यह देश के 124 शहरों को जोड़ेगी। इसके लिए चिह्नित मार्गों में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरुपति-चेन्नई हैं।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्र की आधुनिकीकरण की योजना के तहत साल 2022-23 में पहली बार वंदे मेट्रो चलाने का ऐलान किया था।
विशेषज्ञों ने इस पर यह चिंता जताई थी कि वंदे भारत ट्रेन संभवत: अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। इसका कारण यह है कि वंदे भारत ट्रेन पहले से ही रेलगाड़ी का दबाव झेल रही रेल पटरियों पर चलेगी और इसके लिए मेट्रो रेल व रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की तरह अलग से रेल पटरी नहीं है।
लेकिन ट्रेन संचालक वंदे भारत ट्रेन के खास मकसद को ध्यान में रखते हुए छोटी दूरी की इन रेलगाड़ियों को निर्बाध रूप से चलाएंगे।
केंद्र की रेलवे की आधुनिकीकरण की योजना के तहत मध्यम दूरी की वंदे भारत चेयर कार, लंबी दूरी की प्रीमियम वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और लंबी दूरी की सामान्य व स्लीपर अमृत भारत ट्रेन हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चुनाव परिणाम आने के 100 दिनों में शुरू कर दी जाएगी। इसका स्लीपर वर्जन सरकारी कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) ने विकसित किया है।
हालिया वंदे भारत ट्रेन में केवल बैठने की सुविधा है और इसकी वजह से इन्हें लंबी दूरी की यात्राओं में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। केंद्र इसका पुश-पुल वर्जन का प्राथमिकता के आधार पर उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है जिसमें आगे और पीछे की तरफ दो 6000 एचपी के इंजन होंगे।
पुश-पुल रेल इंजन का इस्तेमाल अमृत भारत ट्रेन में किया जा रहा है। इससे सुरक्षित व त्वरित यात्रा होती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने बीते महीने रिपोर्ट दी थी कि केंद्र की वित्त वर्ष 25 में 50 अमृत भारत ट्रेन का उत्पादन करने की योजना है। रेल उत्पादन इकाइयां आने वाले वर्षों में पूरी क्षमता के साथ 1000 जोड़ी ऐसे इंजनों का उत्पादन कर सकेगी।