उत्तर प्रदेश में अब स्लम एरिया में रहने वालों के लिए योगी सरकार फ्लैट बनाएगी। प्रदेश के हर नगर निगम में कम से कम एक मलिन बस्ती में रहने वालों के लिए बहुमंजिला भवन बनाए जाएंगे।
गुरुवार को नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने निर्देश दिए कि हर नगर निगम में एक-एक मलिन बस्ती चिन्हित कर वहां बहुमंजिला भवन बनाकर ढुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को वहां बसाया जाए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बहुमंजिला भवनों के पास में पार्क और बाजार भी विकसित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मलिन बस्तियों के पुनरोद्धार के लिए नियोजित प्रयास किया जाना अपेक्षित है। अधिकारी प्रत्येक नगर निगम में एक-एक मलिन बस्ती को चिन्हित कर वहां बहुमंजिला आवासीय परिसर के विकास की योजना तैयार करें।
इस आवासीय परिसर के समीप स्कूल, मार्केट, पार्क, आदि बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। यहां जो बाजार विकसित करें, उसमें दुकानें इसी मलिन बस्ती के परिवार को आवंटित करें। जो पार्क बनाएं, उसके संचालन की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जाए। इस प्रकार चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में मलिन बस्तियों का पुनरोद्धार हो सकेगा।
शहरों में पार्किंग को बड़ी समस्या बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसके लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बैठक में कहा कि वाहन सड़क किनारे नहीं बल्कि तय पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों और जरुरत पड़ने पर इंफोर्समेंट की कार्रवाई भी हो। उन्होंने कहा कि नगरों में वाहनों की पार्किंग एक चुनौती बनती जा रही है। इसके समुचित समाधान के लिए शासन, प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना पड़ेगा। पार्किंग के लिए मल्टीलेवल पार्किंग प्रणाली उपयोगी सिद्ध हो रही है। मल्टीलेवल पार्किंग में कॉमर्शियल स्पेस जरूर रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए पार्किंग स्थल के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अध्ययन करने के बाद ही कार्ययोजना तैयार करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी सड़क किनारे बाइक, कार, टैक्सी की पार्किंग न हो। स्ट्रीट वेंडरों को एक जगह नियोजित करें और अवैध टैक्सी स्टैंडों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा नगरीय परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए।
समीक्षा बैठक में कड़े निर्देश जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसी भवन के ऊपर विज्ञापन होर्डिंग नहीं लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेतरतीब होर्डिंग दुर्घटना का कारण बनते है लिहाजा एलईडी डिस्प्ले बेहतर विकल्प होगा। तकनीक आधारित इस व्यवस्था से विज्ञापन एजेंसियों, विज्ञापन दाताओं, स्थानीय प्रशासन और जनता सभी को सहूलियत होगी। तय स्थान के अतिरिक्त और कहीं भी किसी प्रकार का विज्ञापन होर्डिंग नहीं लगाई जानी चाहिए।